अरुणाचल प्रदेश में पोस्टल विभाग एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत ड्रोन के माध्यम से पार्सल की डिलीवरी करने जा रहा है। वर्तमान में इस सेवा का ट्रायल चल रहा है। जबकि, पूर्वोत्तर भारत में ड्रोन सेवाओं को पहले ही शुरू कर दिया गया है।
अरुणाचल में पायलट प्रोजेक्ट: आपने पोस्टमैन को पार्सल पहुंचाते हुए देखा होगा, लेकिन अब ड्रोन के माध्यम से भी पार्सल डिलीवर किए जाएंगे। तेजी से विकसित होती कूरियर और पार्सल सेवाओं के बीच प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए, पोस्टल विभाग ने अरुणाचल प्रदेश में एक अनोखी पहल की है।
दरअसल, पोस्टल विभाग ने नॉर्थ ईस्ट में एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसके तहत पार्सलों और चिट्ठियों को पहुंचाने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जाएगा। वर्तमान में, पोस्टल विभाग कुछ प्राइवेट ड्रोन कंपनियों के सहयोग से इस ड्रोन मेल सर्विस को लॉन्च करने की योजना बना रहा है।
अरुणाचल के पहाड़ों से उड़ते 22 मिनट में पहुंची चिट्ठी
प्रूफ ऑफ़ कॉन्सेप्ट के तहत, पोस्टल विभाग ने अरुणाचल प्रदेश के नमसाई जिले के चौखम पोस्ट ऑफिस से एक चिट्ठी को 45 किमी दूर लोहित जिले के वारको ब्रांच पोस्ट ऑफिस भेजा। बताया जा रहा है कि सड़क मार्ग से यह चिट्ठी करीब ढाई घंटे में पहुंचती थी, जबकि ड्रोन के जरिए यह केवल 22 मिनट में पहुंच गई।
ड्रोन मेल सर्विस को चलाने के लिए पोस्टल विभाग ने प्राइवेट ड्रोन सर्विस प्रदाता के साथ समझौता किया है। अरुणाचल प्रदेश में चिट्ठियों और पार्सलों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए यह ड्रोन सेवा जिम्मेदार होगी। यदि यह प्रयोग सफल होता है, तो पोस्टल विभाग देश के अन्य पहाड़ी इलाकों में भी इस सेवा को शुरू करने की योजना बना रहा है।
इसके अलावा, पोस्टल विभाग के अनुसार, ड्रोन सेवा के शुरू होने पर ग्राहकों को भेजे गए पार्सलों की रियल-टाइम ट्रैकिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी, जिससे ग्राहकों का इस सेवा पर विश्वास और बढ़ेगा।