विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम पश्चिम एशिया में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति से बेहद चिंतित हैं और सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं।”
इज़राइल ईरान संघर्ष: ईरान के इजरायल पर मिसाइल हमले और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की धमकी के बाद पश्चिम एशिया में युद्ध की स्थिति बनती नजर आ रही है। इन घटनाओं के बीच, भारत ने भी पहली बार प्रतिक्रिया दी है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने पश्चिम एशिया के मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए बातचीत और कूटनीति के जरिए समस्याओं को हल करने की अपील की है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “हम पश्चिम एशिया में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं और सभी पक्षों से संयम बरतने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं।”
सभी मुद्दों को कूटनीति से हल करने पर जोर
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में आगे कहा है कि “यह महत्वपूर्ण है कि संघर्ष व्यापक क्षेत्रीय आयाम न ले और हम सभी पक्षों से आग्रह करते हैं कि मुद्दों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।”
इजरायली दूतावास की सुरक्षा बढ़ाई गई
ईरान द्वारा इजरायल पर किए गए मिसाइल हमले के बाद दिल्ली में इजरायली दूतावास की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अब्दुल कलाम रोड को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया गया है और दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा उपायों को सख्त कर दिया है।
ब्रिटेन की प्रतिक्रिया
ईरान के हमले पर ब्रिटेन ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। ब्रिटेन के रक्षा प्रमुख ने कहा कि ब्रिटिश सेना ने इजरायल की मिसाइल हमले को विफल करने में मदद की। रक्षा सचिव जॉन हीली ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर कहा कि ब्रिटेन मध्य पूर्व में अपनी भूमिका निभा रहा है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भी इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करते हुए कहा कि “ईरान लंबे समय से मध्य पूर्व को खतरे में डाल रहा है।”