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उदयपुर में RRR सिस्टम 20 मई से शुरू…

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उदयपुर संभाग के प्रतापगढ़ जिले की धरियावद नगर पालिका ने स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने और कचरे को बेहतर ढंग से निस्तारित करने के लिए एक पहल शुरू की है। इस पहल के तहत, आपको पुराने कपड़े देने और निशुल्क कपड़े लेने की सलाह दी जाती है।

उदयपुर समाचार: आपका उल्लेख RRR फिल्म और उदयपुर में शुरू हो रहे RRR सिस्टम के बारे में है। यह दोनों ही RRR नामक पहलुओं के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन दोनों की पहलुओं में अंतर है। RRR फिल्म एक साउथ फिल्म है जिसने बड़ी प्रशंसा प्राप्त की है, जबकि उदयपुर में RRR सिस्टम एक अलग इनिशिएटिव है जिसे फिल्मी नाम दिया गया है और इसकी तारीफ पहले से ही हो रही है।

धरियावद नगर पालिका के द्वारा शुरू होने जा रही “मेरी लाइफ मेरा स्वच्छ शहर” नामक अभियान को एक RRR योजना के रूप में जाना जाता है। इस अभियान का उद्देश्य स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना और कचरे का बेहतर निस्तारण करना है। इसमें लोगों से पुराने कपड़े लाने का आह्वान किया जाता है और उन्हें दूसरे लोगों को पसंद करने का सिस्टम अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। यह अभियान “स्वच्छ भारत मिशन” का हिस्सा है और इसका शुभारंभ 20 मई से होगा। इस अभियान के माध्यम से लोगों को स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक किया जाएगा और उन्हें साफ सुथरे शहर का अनुभव कराया जाएगा।

क्या है RRR सिस्टम?

धरियावद में 20 मई से शुरू होने वाली नई पहल “मेरी लाइफ मेरा स्वच्छ शहर” में, नगर पालिका के अधिशाषी अभियंता कुंदन देथा ने बताया है कि इस अभियान में RRR का मतलब “रिड्यूस, रीयूज और रीसायकल” है। इसका अर्थ है कि लोग अपने घर से ऐसी वस्तुएं दे सकते हैं जो उनके काम में नहीं आ रही हैं और उन्हें फेंकने का मौका देने की बजाय, उन्हें उपयोगी बना सकते हैं। पहले वस्तुएं “रिड्यूस” की जाएंगी, यानी उन्हें दोबारा उपयोग के लिए तैयार किया जाएगा। फिर जो वस्तुएं उपयोगी होंगी, उन्हें “रीयूज” करके लाया जाएगा, और जो वस्तुएं इन दोनों में काम नहीं आएगी, उन्हें “रीसाइकल” कर दिया जाएगा।

पहले चरण में 5 सेंटर

उन्होंने बताया कि आपके घर में कई ऐसे कपड़े, किताबें, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, चप्पल-जूते सहित अन्य सामान होते हैं जो काम में नहीं आ रहे होते हैं। ये सामान घर में पड़े रहते हैं और आप मौका देख फेंकने का विचार रखते हैं, लेकिन ऐसा करने से केवल कचरा बढ़ाते हैं। इसलिए हम इन वस्तुओं को लेंगे। जो ठीक हो सकती हैं, उन्हें हम ठीक करवाएंगे। इसके लिए, 20 वार्डों में 5 सेंटर्स स्थापित किए गए हैं जहां लोग अपनी वस्तुएं दे सकते हैं। ये सेंटर्स ऐसी जगहें हैं जहां हर कस्बे के वासियों की पहुंच होगी। जब कोई व्यक्ति अपनी वस्तुएं देने आएगा, उसका नोट लिया जाएगा। साथ ही, इन वस्तुओं को जरूरतमंदों को निःशुल्क दी जाएगी, इसका भी नोट लिया जाएगा।

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