आरोप है कि शिकायत सुनने के बजाय एसडीएम ने एक व्यक्ति को मुर्गा बनने का आदेश दे दिया. एसडीएम के आदेश के बाद फरियादियों का कार्यालय मुर्गी बन गया। वीडियो वायरल होने के बाद अब कार्रवाई की गई है.
बरेली समाचार: उत्तर प्रदेश में एक फरियादी को मुर्गा बनने का आदेश देने वाले एसडीएम (सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट) पर लगे आरोपों से हड़कंप मच गया है. बरेली के जिलाधिकारी ने एसडीएम उदित पवार नायक को मीरगंज तहसील से हटा दिया है. गौरतलब है कि बरेली के मीरगंज तहसील का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में शिकायतकर्ता मुर्गे में तब्दील नजर आ रहा है. आरोप है कि एसडीएम उदित पवार नायक ने शिकायतकर्ता को मुर्गा बनने को कहा. एसडीएम कार्यालय में फरियादी के मुर्गा बनने का वीडियो किसी ने रिकॉर्ड कर लिया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. बताया गया है कि ग्राम मंडानपुर से दो दर्जन से अधिक लोग शिकायत दर्ज कराने आये थे. मामला कब्रिस्तान की जमीन और शिव मंदिर स्थल की समस्याओं से जुड़ा था।
नप गए फरियादी को मुर्गा बनवाने के आरोपी एसडीएम
आरोप है कि शिकायत सुनने के बजाय एसडीएम (सबडिविजनल मजिस्ट्रेट) ने एक शख्स को मुर्गा बनने का आदेश दे दिया. एसडीएम के आदेश के बाद शिकायतकर्ता एसडीएम कार्यालय में मुर्गे में तब्दील हो गया और किसी ने इस घटना का वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. वीडियो तेजी से वायरल हो गया. मामला जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी के संज्ञान में आया तो उन्होंने वायरल वीडियो की जांच शुरू कराई। जांच के दौरान एसडीएम उदित पवार नायक की शुरुआती लापरवाही सामने आई।
वीडियो वायरल होने के बाद जिलाधिकारी की कार्रवाई
जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने कार्रवाई करते हुए एसडीएम उदित पवार नायक को मुख्यालय से संबद्ध करने का आदेश दिया. एसडीएम उदित पवार नायक ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता स्वेच्छा से मुर्गे में बदल गया। उनका दावा है कि उनके सहकर्मियों ने उनके अनुरोध के बिना घटना का वीडियो और तस्वीरें लीं। वह इस बात पर जोर देते हैं कि उन्होंने किसी को मुर्गा बनने का निर्देश नहीं दिया। वीडियो वायरल होने के बाद बरेली प्रशासन पर खासा विवाद हो गया है. लोग प्रशासन की संवेदनशीलता पर सवाल उठा रहे हैं और आरोपी एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई को लेकर जिले में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.