बांग्लादेश में 1971 के मुक्ति संग्राम में भाग लेने वाले परिवारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण को लेकर उत्पन्न हुआ विवाद हिंसक रूप ले लिया है।
बांग्लादेश हिंसा: बांग्लादेश में बिगड़ी स्थिति पर भारत की गहरी निगरानी बनी हुई है। शेख हसीना, जिन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, वर्तमान में भारत में शरण ले चुकी हैं। इस संदर्भ में मंगलवार (6 अगस्त) को विदेश मंत्री एस जयशंकर की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें बांग्लादेश की हिंसा और वहां के राजनीतिक संकट की जानकारी सभी दलों के सांसदों को दी गई।
बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हुए। कांग्रेस के लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी बैठक में भाग लिया। इस बैठक में विदेश मंत्री से कई प्रश्न पूछे गए। विपक्ष, जो सामान्यतः सरकार के खिलाफ होता है, इस बार पूरी तरह से सरकार के समर्थन में खड़ा दिखाई दे रहा है। बांग्लादेश का संकट भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है।
राहुल गांधी ने बांग्लादेश मुद्दे पर पूछे ये सवाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा आयोजित एक बैठक में राहुल गांधी ने विदेश मंत्री से पूछा कि क्या बांग्लादेश में हो रही उथल-पुथल के पीछे विदेशी ताकतों, जैसे चीन और पाकिस्तान, का हाथ है। राहुल गांधी ने यह भी जानना चाहा कि सरकार की दीर्घकालिक रणनीति क्या है और यदि बांग्लादेश में नई सरकार आती है तो उसका हमारे लिए क्या प्लान होगा। विदेश मंत्री ने इन सवालों का उत्तर बैठक में दिया।
बैठक में शामिल अन्य दलों के सांसदों ने भी सवाल उठाए और सभी सवालों के जवाब मिलने के बाद, विपक्ष ने एकमत होकर कहा कि बांग्लादेश के मामले में सरकार के किसी भी फैसले का वे समर्थन करेंगे। इस बैठक से पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बांग्लादेश के बिगड़े हालात पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक भी हुई थी, जिसमें विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री को बांग्लादेश की स्थिति के बारे में अवगत कराया।