दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने केंद्र सरकार के अध्यादेश के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया है। मुख्यमंत्री केजरीवाल प्रमुख विपक्षी दलों के समर्थन को जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।
कांग्रेस समर्थन आप: कांग्रेस ने दिल्ली में केंद्र सरकार के अध्यादेश के मुद्दे पर खबरों का खंडन किया है और इसके संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया जाने का खण्डन किया है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने बताया कि पार्टी ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ लाए गए अध्यादेश को लेकर कांग्रेस ने अपनी राज्य इकाई और समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ सलाह करने की कही है।
कांग्रेस पार्टी ने अपना विश्वास व्यक्त करते हुए कहा है कि वह कानून के शासन में विश्वास करती है और राजनीतिक दलों द्वारा राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ अनावश्यक टकराव, राजनीतिक रूप से निशाना बनाना और झूठ के आधार पर अभियानों की अनदेखी नहीं करती है। यह बयान कांग्रेस पार्टी की स्थापित दर्शनिकता को दर्शाता है, जहां वे संविधानिक मानदंडों और नैतिकता का पालन करने के महत्व को जोर देते हैं।
कांग्रेस के समर्थन की आई थी रिपोर्ट
कांग्रेस पार्टी का बयान और दिल्ली में अध्यादेश के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन के बारे में आपने सही जानकारी दी है। यह खबरें दिखा रही हैं कि कांग्रेस पार्टी दिल्ली सरकार के खिलाफ केंद्र सरकार के अध्यादेश का विरोध नहीं कर रही है और उन्होंने मुख्यमंत्री को समर्थन दिया है। इस विषय पर वार्तालाप और राजनीतिक मतभेद होना सामान्य रूप से राजनीतिक पार्टियों के बीच होता है।
नीतीश कुमार ने किया है समर्थन
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा सीएम केजरीवाल को अध्यादेश के मामले में समर्थन देने की जानकारी सही है। इसके पश्चात नीतीश कुमार ने मीडिया के सामने बयान दिया है कि उन्हें लगता है कि यह अध्यादेश संविधान के खिलाफ है और वे अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े हैं। वे देश के सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं। यह घटना राजनीतिक मतभेद और सहमति के प्रमाण के रूप में देखी जा सकती है जो विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच समाप्त होती हैं।