सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के बीएड अभ्यर्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है, जिससे उन्हें बड़ा झटका लगा है। देश की सर्वोच्च अदालत ने एनसीपीई और केंद्र सरकार की एसएलपी को खारिज करते हुए राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को मान्यता दी है।
सुप्रीम कोर्ट समाचार: सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के बीएड अभ्यर्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है, जिससे उन्हें बड़ा झटका लगा है। देश की सर्वोच्च अदालत ने एनसीपीई और केंद्र सरकार की एसएलपी को खारिज करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है। इस फैसले के बाद से अब केवल BTC डिप्लोमा धारक ही तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा लेवल-1 में पात्र होंगे। यह फैसला राजस्थान में भी असर डालेगा।
क्या कहा है सुप्रीम कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशनकौल के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने शुक्रवार को एनसीपीई और केन्द्र सरकार की एसएलपी के साथ मुकेश कुमार और अन्य की याचिकाओं की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. मनीष सिंघवी ने सरकार का पक्ष रखा। डिप्लोमा धारी अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अपना पक्ष रखा।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार के नोटिफिकेशन को वैध माना। राजस्थान हाईकोर्ट ने बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को कक्षा 1 से 5 तक के लिए पात्र मानने वाले नोटिफिकेशन को रद्द किया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को सही माना और एनसीपीई और केंद्र सरकार की एसएलपी को खारिज कर दिया।
क्या है पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से देशभर के बीटीसी अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है। वहीं बीएड अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है। राजस्थान के लाखों बीएड पास कैंडिडेट्स पर इस फैसले का असर पड़ेगा। इस फैसले के बाद अब तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा लेवल-1 में केवल BTC डिप्लोमा धारक ही पात्र होंगे। इससे पहले एनसीपीई ने बीएड अभ्यर्थियों को भी लेवल-1 में पात्र माना था।
एनसीटीई ने 2018 में एक नोटिफिकेशन जारी किया था जिसमें कहा गया था कि बीएड डिग्रीधारकों को भी रीट लेवल-1 के लिए योग्य माना जाएगा। अगर बीएड डिग्रीधारी लेवल-1 में पास होते हैं, तो उन्हें नियुक्ति के साथ छह महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा। राजस्थान में रीट लेवल-1 में बीएड डिग्री धारकों को शामिल करने के खिलाफ बीटीसी डिप्लोमाधारी आंदोलन चला था। इसके बाद यह मामला राजस्थान हाईकोर्ट तक पहुंचा था।
हाईकोर्ट में एनसीटीई के नोटिफिकेशन के खिलाफ चुनौती दी गई थी। वहीं बीएड धारी अभ्यर्थियों ने रीट लेवल-1 में शामिल होने के लिए हाईकोर्ट से अपील की थी। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में बीएड धारी अभ्यर्थियों को लेवल-1 से बाहर कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को सही माना और एनसीटीई और केंद्र सरकार की एसएलपी को खारिज कर दिया।