वीएचपी प्रवक्ता ने उन व्यक्तियों के खिलाफ विरोध जताया है जो बिना आस्था के दुर्गा पांडालों में आते हैं। वीएचपी ने कहा है कि जो लोग मां के सामने शीश नहीं झुका सकते, उन्हें दरबार में जाने का अधिकार नहीं होना चाहिए।
नवरात्रि 2024: विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के पंडालों में अनास्थावान लोगों के प्रवेश पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि नवरात्र हिंदू समाज के लिए भक्ति और शक्ति संचय का एक महत्वपूर्ण पर्व है, और यह आयोजन केवल पर्यटन या मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि आस्था, विश्वास और भक्ति के लिए होता है, जो भक्त को भगवान से जोड़ता है।
बंसल ने अपने एक्स पोस्ट में उल्लेख किया कि पिछले कुछ वर्षों में अनास्थावान लोगों के प्रवेश से कई समस्याएं उत्पन्न हुई हैं। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर उपासकों के साथ विधर्मियों की छेड़-छाड़ और लव जिहाद से जुड़ी घटनाएं सामने आई हैं। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि कुछ पवित्र आयोजनों को बदनाम करने के प्रयास किए गए हैं और कार्यक्रमों में खलल डालने की घटनाएं भी हुई हैं।
विहिप प्रवक्ता ने खड़ा किया सवाल
वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल ने मां दुर्गा और मां काली की उपासना के लिए आयोजित गरबा, डांडिया और पूजा पंडालों में अधर्मी या विधर्मी लोगों के प्रवेश के औचित्य पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सेक्युलरवाद का सहारा लेकर इस महोत्सव में शामिल होने के लिए नए-नए तर्क गढ़ते हैं। बंसल ने यह भी पूछा कि जो लोग मां के सामने शीश नहीं झुका सकते, उन्हें मां के दरबार में क्यों आने दिया जाए।
बंसल के इस पोस्ट पर कई सोशल मीडिया यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया दी। एक यूजर ने लिखा कि जहां-जहां भी ऐसे सामूहिक आयोजन होते हैं, वहां आयोजकों द्वारा पुलिस सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। इससे कट्टरपंथी अधर्मी और अराजकतावादियों के अनधिकृत प्रवेश को रोका जा सकेगा और पत्थरबाजी जैसी घटनाओं की संभावना भी कम होगी।