सैयद अरशद मदनी, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष, के बयान को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपने दृष्टिकोण में परिवर्तन किया है। महागठबंधन के नेताओं ने गिरिराज सिंह के बयान पर आलोचना की है।
पटना: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष सैयद अरशद मदनी के बयान पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने यू-टर्न ले लिया है. उन्होंने देश के बंटवारे को लेकर बड़ा बयान दिया है. गिरिराज सिंह के बयान का निहितार्थ यह है कि 70 साल पहले हमारे पूर्वजों ने जो गलतियां की थीं, उनकी कीमत आज की पीढ़ी भुगत रही है.
महागठबंधन के नेताओं ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
गिरिराज सिंह ने कहा, ‘अगर पूरी मुस्लिम कौम पाकिस्तान चली जाती तो आज भारत में न तो जाकिर मियां पैदा होते, न ओवैसी और न ही मदनी। गिरिराज सिंह के बयान पर महागठबंधन के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे देश को नुकसान पहुंचाने वाला विभाजनकारी बयान बताया है.
कांग्रेस पार्टी ने तीखा हमला किया है, प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने सवाल किया, “क्या देश का कोई नेता ऐसा बयान देगा जो हमारे ही देश को विभाजित करना चाहता है? क्या केंद्र सरकार में बैठे मंत्री देश की एकता को खतरे में डालेंगे?”
इस बीच, जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि जो अपने पूर्वजों में विश्वास नहीं रखता है, अपने पूर्वजों का अपमान करता है और अपनी विरासत का सम्मान नहीं कर सकता है, वह देश के संविधान के प्रति सम्मान कैसे दिखा सकता है?
इसी तरह, राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने टिप्पणी की कि नफरत फैलाने और सामाजिक माहौल को खराब करने के ऐसे प्रयास इसे किसी न किसी तरह से बढ़ावा दे रहे हैं। गौरतलब है कि मदनी के बयान से राजनीतिक विमर्श तेज हो गया है।
क्या कहा था सैयद अरशद मदनी ने?
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष सैयद अरशद मदनी ने रविवार (21 मई) को बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर अहम बयान दिया. मदनी ने मुंबई में बोलते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में विभाजनकारी संगठन बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का उल्लेख किया था। अगर ये फैसला उन्होंने 70 साल पहले कर लिया होता तो देश बर्बाद नहीं होता।
सैयद अरशद मदनी ने कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात दाखिल करने को लेकर कहा था कि उनकी यह बयान इस बात की प्रतिक्रिया उठाने के लिए था कि कांग्रेस ने गलती करके अपने घोषणा पत्र में इसे शामिल किया। वे इसे गलती नहीं समझ रहे थे, बल्कि उन्होंने सोचा था कि कांग्रेस अपनी गलती को स्वीकार कर रही है। इस बात का महत्वपूर्ण संकेत है कि कांग्रेस ने हाल ही में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और बजरंग दल जैसे संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी।