मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी की, “जब आप न्यायाधीश के पद से रिटायर होते हैं, तो आपको खुद को थोड़ा समय देना चाहिए। यदि आप राजनीति में भी जाते हैं, तो भी आपको पर्याप्त समय देना चाहिए।”
न्यायाधीश सेवानिवृत्ति कूलिंग ऑफ अवधि: जजों को रिटायरमेंट के बाद राजनीति में जाना चाहिए या नहीं, ये बहस लंबे वक्त से चली आ रही है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ एक इंटरव्यू में बताया कि किसी भी जज को रिटायर होने के बाद कब राजनीति में जाना चाहिए.
मुख्य न्यायाधीश ने अखबार दैनिक भास्कर को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “जज के कोर्ट से रिटायर होने के बाद एक कूलिंग पीरियड होना चाहिए.” मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने अखबार से बातचीत में कहा, “न्यायाधीश बनकर जब आप रिटायर होते हैं तो आपको खुद को थोड़ा वक्त देना चाहिए. अगर राजनीति में जाते हैं तो भी आपको पर्याप्त समय देना चाहिए.”
‘जजों के लिए कूलिंग ऑफ पीरियड होना जरूरी’
मुख्य न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने कहा कि जजों के राजनीति में जाने के मुद्दे पर बहस जारी है, लेकिन यदि वे राजनीति में शामिल होते हैं, तो उन्हें एक “कूलिंग ऑफ पीरियड” का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जजों की भूमिका और छवि अदालत में उनकी नियुक्ति के समय से लेकर रिटायरमेंट के बाद तक बनी रहती है, और आम नागरिक उन्हें हमेशा जज के रूप में ही देखता है।
मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि न्याय केवल होना नहीं चाहिए बल्कि होता हुआ भी दिखना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर कोई जज अदालत में कार्यरत रहते हुए उचित तरीके से न्याय करते हैं और फिर रिटायर होने के बाद किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल हो जाते हैं, तो यह आम लोगों के मन में सवाल खड़ा कर सकता है।