सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सुझाए गए है कि प्राथमिकता दी जाए कि जी20 बैठक से पहले पाकिस्तान के जम्मू कश्मीर में कोई बड़ी हमला योजना न रचे, क्योंकि इससे विश्व स्तर पर अशांति और अस्थिरता की स्थिति पैदा हो सकती है।
जम्मू कश्मीर में G20 शिखर सम्मेलन: जी-20 की बैठक से पहले जम्मू कश्मीर में सुरक्षा का बहुत तंत्र तैयार किया गया है। श्रीनगर में 22 मई से 25 मई तक यह बैठक होनी है और इससे पहले पाकिस्तान की साजिशों का खुलासा हो रहा है। इसलिए सुरक्षा के मामले में मार्कोस कमांडो भी तैनात किए गए हैं और हर कदम पर निगरानी की जा रही है।
जम्मू में पूरी तरह सुरक्षा के जबरदस्त इंतजाम किए गए हैं, जहां जी-20 बैठक से पहले आतंकी गतिविधियों की हर नापाक साजिश को नाकाम बनाने के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा, आसमान से भी हर आतंकी साजिश पर नजर रखने के लिए ड्रोन का उपयोग हो रहा है।
सुरक्षा एजेंसियों को लगातार मिल रहे हैं इनपुट्स
जी-20 बैठक से पहले सुरक्षाबलों को घाटी में निरंतर सूचनाएं मिल रही हैं कि पाकिस्तान की साजिश है कि वे जी-20 बैठक से पहले जम्मू कश्मीर में एक बड़ी आतंकी हमले को नियंत्रित करके यहां अशांति और अस्थिरता का माहौल पैदा कर सकते हैं।
सुरक्षाबलों को इस बात की भी जानकारी मिली है कि पाकिस्तान ड्रोन के माध्यम से जम्मू में हथियारों को ड्रॉप करने या हमला करने की संभावना है। इसके बाद से, जम्मू में सड़कों के साथ-साथ हवा में भी सुरक्षा की कड़ी बढ़ा दी गई है। सुरक्षाबलों द्वारा जम्मू के संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी करने और आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है।
संवेदनशील इलाकों में तैनात किए गए कमांडो
संवेदनशील इलाकों में, जम्मू पुलिस ने कमांडो व्हीकल का तैनाती किया है, जिसे आतंकी गतिविधियों का यमदूत भी कहा जाता है। यह कमांडो व्हीकल न केवल आधुनिक हथियारों से लैस है, बल्कि इसमें अत्याधुनिक पीटी सेट कैमरा भी लगा है। व्हीकल में हथियारों से लैस कई सुरक्षाबलों के जवान आसानी से सवारी कर सकते हैं, जिससे यह सुरक्षा बल किसी भी आपातकालीन स्थिति का सामना करने के लिए तत्पर है।