अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के कालखंड में गुलामी के चिह्न मिट रहे हैं।
ज्ञानवापी मस्जिद मामला: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद में एएसआई सर्वेक्षण को मंजूरी दी है, जिससे हिन्दू पक्ष और संत समाज के लोग उत्साहित हैं। इसके विपरीत, मुस्लिम पक्ष आदेश के अध्ययन के बाद आगे की रणनीति बनाने की बात कर रहा है। वाराणसी के जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम का पूरा सहयोग किया जाएगा। अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के सचिव मोहम्मद यासीन ने बताया कि उन्होंने हाई कोर्ट के आदेश की कॉपी का इंतजार कर रहे हैं और आदेश के अध्ययन के बाद वे आगे की रणनीति तय करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट जा सकता है मुस्लिम पक्ष
यासीन ने कहा, “फैसला चाहे कुछ भी आये, लेकिन मैं लोगों से अपील करता हूँ कि वे शांति-व्यवस्था और आपसी प्रेम-सौहार्द बनाये रखें।” हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने कहा, “हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट जा सकता है। हम भी सुप्रीम कोर्ट में कैवियट दाखिल करने की तैयारी कर रहें हैं।” ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वे की इजाजत देने के हाई कोर्ट के फैसले पर हिन्दू पक्ष से जुड़े लोग उत्साहित हैं।
मिट रहे हैं गुलामी के चिह्न
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, “आजादी के अमृत महोत्सव काल खंड में जब गुलामी के चिह्न मिट रहे हैं, तो काशी में ज्ञानवापी के माथे पर लगे गुलामी के चिह्न को एएसआई का सर्वे मिटाने में सक्षम होगा।” इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी। अदालत ने कहा है कि इस निर्णय के साथ जिला अदालत का सर्वेक्षण का पूर्व का आदेश तत्काल प्रभावी हो गया है। कमेटी ने गत 21 जुलाई के वाराणसी के जिला अदालत के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।