अमित शाह ने कहा कि नक्सलवाद और उग्रवाद को सहन नहीं किया जाएगा। हमारी सरकार ने इसके खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई है और हम इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में अमित शाह: केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने सोमवार, 7 अक्टूबर 2024 को नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक बैठक की। इस दौरान उन्होंने उग्रवाद पर एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें उन्होंने कहा कि मार्च 2026 तक उग्रवाद पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा। उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री की भी सराहना की।
अमित शाह ने उन युवाओं से अपील की जो उग्रवाद में शामिल हैं कि वे मुख्य धारा में लौट आएं और समाज का हिस्सा बनें। उन्होंने बताया कि सरकार ने जॉइंट टास्क फोर्स का गठन किया है, लेकिन अब उसकी संरचना पर भी ध्यान देना जरूरी है। नक्सलवाद और उग्रवाद को सहन नहीं किया जाएगा। हमारी सरकार ने इसके खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई है और इस दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।
नक्सल प्रभावित एरिया में कर रहे विकास
उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार ने सभी नक्सल और उग्रवाद प्रभावित जिलों में विकास योजनाओं का विस्तार किया है। आदिवासी और पिछड़े इलाकों में विकास को रोकने वाली सबसे बड़ी बाधा नक्सली ही हैं। हमारा लक्ष्य नक्सल प्रभावित राज्यों में कानून का शासन स्थापित करना और गैर कानूनी गतिविधियों को समाप्त करना है। उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में अब तक हुई क्षति की भरपाई के लिए विकास कार्यों को तेजी से पूरा करना जरूरी है।
‘वामपंथी उग्रवाद से लड़ाई अंतिम चरण में’
अमित शाह ने बताया कि पहली बार वामपंथी उग्रवाद से संबंधित घटनाओं में 100 से कम लोगों की जान गई है। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से लड़ाई अब अंतिम चरण में है और मार्च 2026 तक देश को वामपंथी उग्रवाद से पूरी तरह मुक्त कर दिया जाएगा। देश भर में उग्रवाद की 85% समस्या अब केवल छत्तीसगढ़ में सिमट गई है। छत्तीसगढ़ में इस साल जनवरी से अब तक 194 उग्रवादी मारे गए हैं, 801 ने हथियार छोड़ दिए हैं, और 742 ने आत्मसमर्पण किया है। मैं एक बार फिर इन लोगों से अपील करता हूं कि हथियार छोड़ें और मुख्यधारा से जुड़ें। इन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए लगातार अभियान भी चलाए जा रहे हैं।