सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ने शपथ ग्रहण से एक दिन पहले आलाकमान से मुलाकात के लिए पहुंचे।
कर्नाटक सरकार गठन: कर्नाटक में शनिवार को शपथ ग्रहण समारोह होने जा रहा है, इससे पहले सीएम पद को ग्रहण करने जा रहे सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री पद को ग्रहण करने जा रहे डीके शिवकुमार ने दिल्ली पहुंचा है। शिवकुमार ने बताया है कि उन्होंने यहां अपने नेताओं को व्यक्तिगत तौर पर आमंत्रित किया है क्योंकि उन्होंने उनके साथ पसीना बहाया है। हालांकि, दोनों नेताओं ने मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले मंत्रियों के नामों पर पार्टी आलाकमान से बात करने के लिए भी यहां आए हैं।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में जो की गुरुवार (19 मई) को हुई, सिद्धारमैया को आधिकारिक तौर पर नेता चुना गया है, इसके बाद उन्होंने राज्यपाल के सामने सरकार गठित करने का दावा किया है। शिवकुमार ने दिल्ली जाने से पहले कहा है, “सिद्धारमैया, कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और मैं दिल्ली जाएंगे, हम पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिलेंगे और मंत्रिमंडल के गठन पर चर्चा करेंगे।”
क्या चुनौती है?
शिवकुमार ने कहा कि वे बाद में मंत्रिमंडल और अन्य विषयों के बारे में आपको जानकारी देंगे। वे (मीडिया को) कुछ बिना बताए करने का कोई इरादा नहीं रखते हैं और किसी अटकल की आवश्यकता नहीं है। वे सिद्धारमैया के सामने पहली चुनौती में संतुलन के साथ मंत्रिमंडल के गठन को लेकर काम करेंगे, जिसमें सभी समुदायों, धर्म, वर्गों, पुरानी और नई पीढ़ी के विधायकों का प्रतिनिधित्व होगा।
कर्नाटक में मंत्रिमंडल में 34 मंत्रियों की स्थापना है और कई विधायक मंत्री पद की इच्छा रखते हैं। शिवकुमार ने कर्नाटक की जनता की आवाज को सरकार की आवाज के रूप में बताते हुए कहा कि “हमारे सभी राष्ट्रीय नेता (शपथ ग्रहण समारोह के लिए) आ रहे हैं। हम कैबिनेट की पहली बैठक में अपनी सभी गारंटियों को लागू करेंगे। हम अपने वादे को पूरा करेंगे।”
किन विपक्षी नेताओं को बुलाया?
कांग्रेस ने शपथ ग्रहण समारोह में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, नेशनल कांफ्रेस के नेता फारूक अब्दुल्ला, बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, और कुछ अन्य विपक्षी नेताओं को बुलाया है। इससे यह संकेत मिलता है कि कांग्रेस पार्टी ने विभिन्न राज्यों और पार्टियों के नेताओं को समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।