यूडीएच (उत्तराखंड संघर्षी विधायक हैं) मंत्री शांति धारीवाल के पौते और गर्वित धारीवाल ने वीडियो जारी करके कहा है कि उनकी तीन पीढ़ियां कांग्रेस के साथ जुड़कर देश और प्रदेश की सेवा कर रहीं हैं।
राजेंद्र गुढ़ा लाल डायरी: राजस्थान विधानसभा में हाल ही में हुई एक घटना में “लाल डायरी” के जिक्र पर जोरदार विवाद हुआ। इस घटना पर राज्य के कई प्रमुख नेताओं ने अलग-अलग प्रतिक्रिया व्यक्त की. जहां भाजपा ने राजेंद्र गुडा के कार्यों का समर्थन किया, वहीं प्रशांत किशोर और जयप्रकाश जैसे नेताओं ने तीन कांग्रेस विधायकों के निलंबन की मांग की। दूसरी ओर, कांग्रेस ने घटना की निंदा की और इसमें शामिल विधायकों को निलंबित कर दिया।
इस दौरान यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के पोते और कांग्रेस सचिव अमित धारीवाल ने एक वीडियो जारी कर बताया कि उनके परिवार की तीन पीढ़ियां कांग्रेस से जुड़े रहकर देश और प्रदेश की सेवा कर रही हैं. वीडियो में, उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों की संवेदनशीलता और समर्पण पर जोर दिया जो राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल हैं और उनका समर्थन कर रहे हैं।
ऐसे वीडियो और बयानों का उद्देश्य अक्सर राजनीतिक परिवारों के लिए सार्वजनिक समर्थन जुटाना और लोगों को उनके नेतृत्व के प्रति वफादार रहने के लिए प्रेरित करना होता है।
देश के सामने विधानसभा में एक शर्मनाक घटना हुई
गर्वित धारीवाल ने विधानसभा में सोमवार के सत्र के दौरान हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर चिंता व्यक्त की, जहां एक विधायक ने माइक्रोफोन छीन लिया और शांति धारीवाल का हाथ पकड़ लिया। उन्हें यह व्यवहार शर्मनाक लगता है और उन्होंने एक विधायक पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया है. वह सवाल करते हैं कि जो लोग “लाल डायरी” के बारे में बात करते हैं वे आगे आकर इसे मीडिया के सामने क्यों नहीं रखते हैं। वे किसका इंतज़ार बढ़ा रहे हैं?
गर्वित धारीवाल का दावा है कि राजेंद्र गुड़ा ने बीजेपी के साथ मिलकर यह मुद्दा उठाया था. उन्होंने अशोक गहलोत की कल्याणकारी योजनाओं के लाभकारी प्रभाव पर भी प्रकाश डाला, जो राज्य के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रही है। उनके अनुसार, विकास के लिए समर्पित नेता शांति धारीवाल ने अपना पूरा जीवन कांग्रेस पार्टी और राज्य की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है।
‘बीजेपी हताश और परेशान है’
सभा में प्रदर्शित आचरण निंदनीय है. गर्वित धारीवाल ने कोविड स्थिति से निपटने में अशोक गहलोत सरकार के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने ”लाल डायरी” के बारे में लगातार हो रही चर्चा पर सवाल उठाया और इसके अस्तित्व का दावा करने वालों से इसे पेश करने का आग्रह किया. उन्होंने इस मामले को सुलझाने में हो रही लंबी देरी पर निराशा व्यक्त की. उनके मुताबिक, ”लाल डायरी” महज़ एक झूठा आरोप है और इसमें कोई दम नहीं है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनके पास उठाने के लिए कोई वैध मुद्दे नहीं हैं और लोग सरकार के प्रदर्शन और कार्यकाल से संतुष्ट हैं। वे अगले पांच साल भी अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री के रूप में देखने की उम्मीद रखते हैं.