नया पंबन ब्रिज पूरी तरह से तैयार हो गया है। इस ब्रिज के बनने से मंडपम और रामेश्वरम के बीच की दूरी अब महज 20 मिनट रह गई है, जिससे यात्रा में काफी समय की बचत होगी।
पंबन ब्रिज: लोगों को रामेश्वरम पहुंचने में अब तक काफी समय लगता था, लेकिन अब इस समस्या का समाधान हो गया है। नया पंबन ब्रिज पूरी तरह से तैयार हो चुका है, और इसके बनने से मंडपम से रामेश्वरम के बीच की यात्रा महज 20 मिनट में पूरी की जा सकेगी।
इसके अलावा, हिन्द महासागर पर बने इस नए पंबन ब्रिज पर जल्द ही रेल सेवा भी शुरू होगी। इस ब्रिज का आज कमिश्नर रेल सेफ्टी (CRS) ने मुआयना किया और इसकी सबसे बड़ी विशेषता, यानी वर्टिकल लिफ्ट गर्डर सिस्टम को भी देखा। CRS ने इस ब्रिज को क्लीयरेंस दे दी है।
यह नया पंबन ब्रिज तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के पंबन और मंडपम स्टेशनों के बीच बना है। इससे पहले यहां एक पुराना पंबन ब्रिज था, जो सौ साल से भी पुराना हो चुका था। अब उसे बदलकर आधुनिक तकनीक से नया ब्रिज तैयार किया गया है, जिसे इंजीनियरिंग के एक अद्भुत उदाहरण और देश के बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर की पहचान माना जा रहा है।
90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी ट्रेनें
सीआरएस इंस्पेक्शन के दौरान इस नए पंबन ब्रिज पर ट्रेन का संचालन भी किया गया, जिसमें ट्रेन ने 80 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ लगाई। वहीं, पंबन से मंडपम के बीच ट्रेन 90 किमी/घंटा की गति से चली।
पंबन ब्रिज हाइटेक इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन उदाहरण है। इस पुल में 18.3 मीटर के 100 स्पैन हैं, और यह पुल पुराने पंबन ब्रिज से 3 मीटर ऊंचा है। इसे इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि अगर जरूरत पड़ी तो इसके नीचे से बड़े पोत भी गुजर सकें। यह पुल खाड़ी पर बना हुआ भारत का सबसे लंबा पुल है। वर्तमान में, पंबन ब्रिज को रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) ने 535 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्निर्मित किया है।