भरतपुर के कई गावों में फीडर इंचार्ज द्वारा ग्रामीणों से बिजली के बिल के पैसे लेने और उन्हें अपनी जेब में रखने की घटना सामने आई है, जिसके पश्चात मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है।
भरतपुर समाचार: डीग तहसील में स्थित भरतपुर जिले के कई गांवों में, फीडर इंचार्ज ने ग्रामीणों से बिजली बिल के रुपये वसूल करके उन्हें अपनी जेब में रख लिए हैं। फीडर इंचार्ज ने हर महीने ग्रामीणों से बिजली बिल के पैसे लिए और उन्हें नगद तौर पर संचयित किया। इसके अलावा, वह ग्रामीणों से मीटर बदलने के लिए भी 20 रुपये मंगवाता था। जब ग्रामीणों को फीडर इंचार्ज की इस अनुचित कार्यवाही की जानकारी मिली, तो उन्होंने इसे कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह को शिकायत की।
इसके बाद, मंत्री ने जिला कलेक्टर लोकबंधु को इस ग्रामीणों के साथ हुई गठजोड़ के बारे में सूचित किया और फीडर इंचार्ज को तत्काल सस्पेंड करने के निर्देश दिए गए। यद्यपि, यह सत्यापित हुआ है कि भरतपुर के कुम्हेर-डीग विधानसभा क्षेत्र के बदन गढ़, घरबारी और माढ़ेरा गांवों में बिजली विभाग के फीडर इंचार्ज सुरेश ने कई महीनों तक ग्रामीणों से बिजली बिल के पैसे लिए, लेकिन उन्होंने इन पैसों को बिजली विभाग में जमा नहीं करवाया और उन्हें अपनी जेब में रखा रखा था।
इस तरह सामने आई फीडर इंचार्ज की हेरा-फेरी
भरतपुर जिले के डीग तहसील में स्थित कई गांवों में, बिजली फीडर इंचार्ज ने ग्रामीणों से हर महीने बिजली बिल के पैसे वसूल करते हुए उन्हें धोखा दिया है। यह सत्यापित हुआ है कि फीडर इंचार्ज सुरेश ने ग्रामीणों से बिजली बिल के रुपए लेता था। इसके अलावा, अगर किसी ग्रामीण का मीटर खराब हो जाता था, तो उसे मीटर को बदलने के नाम पर 20,000 रुपए लेता था। यह मामला उज्ज्वला योजना के दौरान सामने आया है, जब सरकार ने महंगाई से बचाव के लिए प्रदेश में महंगाई राहत शिविर आयोजित किया है।
इसके अलावा, सरकार ने घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए 100 यूनिट बिजली मुफ्त करने की घोषणा भी की है। सरकार ने जनता को राहत देने का काम शुरू किया है, लेकिन सरकार के कर्मचारी खुद ही लोगों को ठग रहे हैं।