मेजर जनरल स्तर पर भारतीय सेना और चीनी सेना के अधिकारियों के बीच एलएसी के साथ लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में एक बैठक हुई।
भारत चीन सेना की बैठक: यह महत्वपूर्ण बैठक भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच आगे बढ़ रहे सीमा विवाद के मामले में आयोजित की गई है। इस बैठक में मेजर जनरल स्तर के अधिकारियों ने वर्तमान स्थिति के बारे में चर्चा की और दोनों पक्षों ने विवादों को सुलझाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया। इसे नियमित और स्थायी प्रक्रिया का हिस्सा माना गया है।
वास्तव में, 23 अप्रैल को भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख के मोल्डो में 18वें दौर की कोर कमांडर वार्ता का आयोजन किया था, जो शंगाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक से पहले हुआ था। इस वार्ता में मई 2020 से चल रहे गतिरोध को हल करने के लिए बातचीत की गई थी। भारतीय पक्ष का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल राशिम बाली ने किया था, जिन्होंने हाल ही में लेह स्थित 14 कोर कमांडर के रूप में पदभार संभाला था।
रक्षा मंत्री ने कही थी शांतिपूर्ण समाधान की बात
भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए व्यक्त किया था कि पूर्वी लद्दाख में चल रही बातचीत गतिरोध के शांतिपूर्ण समाधान के लिए जारी रहेगी और तनाव कम करना ही आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका है। इसके माध्यम से, वे सुरक्षित माहौल को बनाए रखने और दोनों देशों के बीच वार्तालाप और संवाद को बढ़ावा देने की बात कहते हैं।
गलवान झड़प के बाद से जारी है गतिरोध
मई 2020 में गलवान वैली में हुई हिंसक झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच गतिरोध बढ़ गया था। इसके बावजूद, सितंबर 2020 में दोनों पक्षों ने गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में पैट्रोग पॉइंट-15 से सैनिकों को पीछे हटाने के लिए आदेश दिए थे, जिससे थोड़ी नरमी आई थी। बीते साल दिसंबर में दोनों देशों के सैनिक अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में आमने-सामने आए थे, लेकिन सैन्य स्तर की बातचीत के बाद मामला सुलझाया गया था। ये उदाहरण दिखाते हैं कि दोनों देशों के बीच नियमित रूप से संवाद और बातचीत का प्रयास किया जाता है, जो तनाव को कम करने और विवादों का समाधान करने में मदद करता है।