भारत ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) को पुनर्जीवित करने के प्रयास को अस्वीकार करते हुए पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर आलोचना का लक्ष्य बनाया है।
सार्क नवीनतम समाचार: सार्क (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) का अस्तित्व अब केवल दस्तावेजों तक ही सीमित रह सकता है, क्योंकि भारत ने मंगलवार (1 अक्टूबर, 2024) को सार्क को पुनर्जीवित करने से संबंधित प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। यह दिलचस्प है कि यह पहल नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे भारत के पड़ोसी देशों द्वारा की गई थी, और इन तीनों देशों ने सार्क को पुनर्जीवित करने की इच्छा व्यक्त की थी। न्यू यॉर्क में नेपाल ने सार्क के विदेश मंत्रियों की बैठक (यूएनजीए शिखर सम्मेलन के इतर) के दौरान इस संबंध में अनुरोध किया था, लेकिन भारत ने इसे ठुकरा दिया।
भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद की रोकथाम के लिए जिम्मेदार कदम नहीं उठाता, वह ऐसी किसी भी बैठक में भाग नहीं लेगा। सार्क की बैठक या सम्मेलन तभी हो सकता है जब सभी सदस्य देश सहमति व्यक्त करें। यदि कोई एक सदस्य भी भाग लेने से इंकार कर देता है, तो बैठक नहीं हो सकती।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान को लगाई लताड़
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की 79वीं बैठक में पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की आतंकवादी नीति कभी सफल नहीं हो सकती और यह भी उल्लेख किया कि पाकिस्तान की जीडीपी केवल कट्टरता के लिए उपयोग होती है।
सार्क की स्थापना कब हुई?
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) दक्षिण एशियाई देशों का एक संगठन है, जिसकी स्थापना 8 दिसंबर, 1985 को ढाका में हुई थी। इसके सदस्य देशों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य सदस्य देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देना है, और इसका सचिवालय नेपाल के काठमांडू में स्थित है।