मनीष सिसोदिया लगभग 17 महीने की जेल के बाद अब रिहा होने वाले हैं। उन्हें मिली जमानत के बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं में खुशी की लहर दौड़ गई है।
मनीष सिसौदिया जमानत समाचार: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया को शराब नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। अदालत ने शुक्रवार (9 अगस्त) को इस मामले में फैसला सुनाते हुए सिसोदिया को जमानत दी। सिसोदिया के वकील ऋषिकेश कुमार ने इसे ऐतिहासिक निर्णय बताया, यह कहते हुए कि अदालत ने टिप्पणी की कि इतने लंबे समय तक सिसोदिया को जेल में रखना लोकाचार के खिलाफ है।
वकील ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया कि ईडी द्वारा 6-8 महीने में सुनवाई खत्म होने की बात सही नहीं है और मामले में कोई देरी सिसोदिया की ओर से नहीं हुई। जमानत की शर्तों के तहत, सिसोदिया को अपना पासपोर्ट जमा करना होगा, 10-10 लाख रुपये की दो सिक्योरिटी जमा करनी होगी, हर सोमवार को जांच अधिकारी को रिपोर्ट करना होगी, और उन्हें सबूतों से छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित नहीं करना होगा।
17 महीने जेल में रहने को ध्यान में रखते हुए मिली मनीष सिसोदिया को जमानत: वकील
वकील ऋषिकेश कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि ईडी के पास ठोस सबूत हैं, तो सिसोदिया के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला नहीं बनता। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि लंबे समय तक सिसोदिया को जेल में रखना जमानत के सिद्धांतों के खिलाफ है। चाहे मामला ईडी का हो या सेक्शन 45 का, जमानत के मुख्य नियम लागू होते हैं।
उन्होंने आगे बताया कि कोर्ट ने स्वीकार किया कि मनीष सिसोदिया पहले ही 17 महीने जेल में बिता चुके हैं, और इस आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की सभी दलीलों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि ईडी का दावा कि ट्रायल 6-8 महीने में समाप्त हो जाएगा, सही नहीं लगता।
सिसोदिया की जेल से रिहाई की तारीख के बारे में वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें ईडी और सीबीआई दोनों मामलों में जमानत दी है। कोर्ट ने यह भी निर्देशित किया कि ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट यह सुनिश्चित करें कि जमानत की याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट तक न पहुंचें। वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ‘जमानत एक नियम है और जेल एक अपवाद है’ के सिद्धांत को मान्यता दी है। आदेश जारी हो चुका है, और जैसे ही ट्रायल कोर्ट में शर्तें पूरी की जाएंगी, मनीष सिसोदिया को रिहा कर दिया जाएगा।