इजरायल-ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष का असर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। इन क्षेत्रों में सुरक्षा चिंताओं के कारण जीपीएस सिस्टम को बंद कर दिया गया है, जिससे विमानों को अपने मार्ग में बदलाव करना पड़ रहा है।
फ्रैंकफर्ट से मुंबई उड़ानें: इजरायल पर ईरानी हमलों के बाद मध्य पूर्व के आसमान में उड़ानों में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। लुफ्थांसा और स्विस एयरलाइंस जैसी प्रमुख उड़ानें डायवर्ट की जा रही हैं, और एयर इंडिया सहित अन्य एयरलाइनों ने इस क्षेत्र में जीपीएस जैमिंग और स्पूफिंग की रिपोर्ट की है।
इस स्थिति के चलते लुफ्थांसा की दो उड़ानें, जो जर्मनी से फ्रैंकफर्ट से हैदराबाद और मुंबई आ रही थीं, को जर्मनी में उतारना पड़ा। एयर इंडिया के सूत्रों के अनुसार, मध्य पूर्व से आने वाली सभी उड़ानों की सुरक्षा को उच्च प्राथमिकता दी जा रही है। असुरक्षित रूटों को अवॉयड करने के लिए कई प्रकार के एडजस्टमेंट किए जा रहे हैं।
इन एडजस्टमेंट्स में नॉन-स्टॉप उड़ानों को आवश्यकता पड़ने पर ब्रेक जर्नी के माध्यम से लाने की योजना भी शामिल है। इसके अलावा, स्विट्ज़रलैंड से भारत आने वाली कई अन्य उड़ानों में देरी की संभावना है, और कुछ उड़ानों को रद्द भी किया जा सकता है।
भारत आने वाली ये इन जहाजों का बदला रास्ता
ईरान के इजरायल पर मिसाइल हमले के बाद, एयरलाइंस अलर्ट मोड में हैं और सुरक्षा कारणों से अपने रूट्स में बदलाव कर रही हैं। लुफ्थांसा ने मंगलवार को फ्रैंकफर्ट से हैदराबाद और मुंबई के लिए अपनी उड़ानों को वापस जर्मनी लौटाने का निर्णय लिया, जब ये उड़ानें तुर्की के ऊपर थीं।
इस बीच, स्विस एयरलाइंस ने ईरान, इराक और जॉर्डन के ऊपर के हवाई क्षेत्र से बचने का निर्णय लिया है, जिससे दुबई, भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया की उड़ानों के समय में 15 मिनट तक की वृद्धि हो सकती है। स्विस एयरलाइंस की एक उड़ान, जो ज्यूरिख से दुबई जा रही थी, को तुर्की के अंताल्या में डायवर्ट किया गया, जहां विमान ने ईंधन भरा और फिर प्रभावित हवाई क्षेत्र से बाहर अपनी यात्रा जारी रखी।
इजरायल और लेबनान के हवाई क्षेत्र को 31 अक्टूबर तक बायपास करने का फैसला किया गया है, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। एयरलाइंस इस संकट के दौरान सुरक्षित उड़ानों को प्राथमिकता दे रही हैं, और यात्रियों को समय-समय पर अपडेट्स प्रदान कर रही हैं।