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यूपी में खोई जमीन तलाशने में जुटी कांग्रेस…

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लोकसभा चुनाव से पहले, कांग्रेस एक बार फिर से यूपी में अपनी खोई हुई भूमि को खोजने में जुट गई है। इंडिया गठबंधन के साथ, कांग्रेस अब 20-22 सीटों पर दावा लगाने की तैयारी कर रही है।

लोकसभा चुनाव 2023: चुनाव से पहले, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के नवे अध्यक्ष अजय राय ने अमेठी से राहुल गांधी को चुनाव लड़ने की संभावना को उजागर किया है, जिससे प्रदेश की राजनीति में उत्तेजना बढ़ी है। उन्होंने यह भी सूचना दी कि प्रियंका गांधी चाहें तो वे वाराणसी से भी चुनाव लड़ सकती है और कांग्रेस पूरी मदद करेगी। इन बातों के परिणामस्वरूप, लोकसभा चुनाव से पहले ये तथ्य महत्वपूर्ण हो जाते हैं, जिनसे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस यूपी में अपनी हानी हुई जमीन को पुनः मजबूत करने की प्रयासों में जुट गई है। खबरों के अनुसार, इस बार कांग्रेस का ध्यान यूपी की लगभग चौथाई सीटों पर है, जिनमें पार्टी मजबूत पोजीशन में है।

कांग्रेस की मुख्य चिंता यूपी में घटते जनाधार की ओर बढ़ रही है। ऐसे में, जब इंडिया गठबंधन के साथ कांग्रेस एनडीए को प्रभारी से हराने की दिशा में बढ़ रही है, तो पार्टी का ध्यान उन सीटों पर है, जिन पर पिछले चुनावों में पार्टी दूसरे या तीसरे स्थान पर रही थी। कांग्रेस के सदस्यों का कहना है कि 20 से 22 लोकसभा सीटों पर पार्टी अपना प्रतिष्ठान स्थापित करने की योजना बना रही है। इनमें रायबरेली और अमेठी के साथ ही वाराणसी, महाराजगंज, कुशीनगर, फैजाबाद, डुमरियागंज, बांसगांव, गोंडा, श्रावस्ती, शाहजहांपुर, खीरी, कानपुर, उन्नाव, प्रतापगढ़, बरेली, पीलीभीत, रामपुर, फर्रुखाबाद, बाराबंकी और मुरादाबाद जैसी सीटें शामिल हैं।

प्रदेश की इन सीटों पर कांग्रेस की नजर

अगर हम पिछले चार लोकसभा चुनाव के परिणामों पर ध्यान दें, तो हमें यह दिखता है कि कांग्रेस का सबसे अच्छा प्रदर्शन 2009 में हुआ था। उस समय, वह केवल एक सीट पर स्थित कांग्रेस ने 21 सीटों पर जीत दर्ज की थी। ये सीटें आमतौर पर अमेठी, रायबरेली, मुरादाबाद, धौराहरा, उन्नाव, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फर्रुखाबाद, कानपुर, अकबरपुर, और झांसी जैसी स्थानों पर थी। अब कांग्रेस चाहती है कि इस बार भी इन सीटों पर अपनी मजबूती को दिखाए। पार्टी का मुख्य ध्यान उस समय के सीटों के जातिगत समृद्धि और पार्टी के पूर्व प्रदर्शन पर भी है।

2009 के बाद, 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को एक बड़ा प्रहार मिला और केवल उनकी दो परंपरागत सीटों में, अर्थात् अमेठी और रायबरेली, पर ही जीत हासिल कर सकी। 2019 के चुनाव में केवल एक सीट पर सीमित रह गई। इन चुनावों में सपा-बसपा के साथी गठबंधन की वजह से कांग्रेस के कई क्षेत्रों में प्रत्याशियों की उम्मीदें टूट गई, और कई स्थानों पर कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही। रामपुर, बरेली, शाहजहांपुर, खीरी, उन्नाव, फर्रुखाबाद, बाराबंकी, फैजाबाद, डुमरियागंज, बस्ती और कुशीनगर जैसी सीटों पर भी कांग्रेस के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर थे। अमेठी में राहुल गांधी और कानपुर में श्रीप्रकाश जायसवाल दूसरे स्थान पर रहे थे।

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