टिड्डी विभाग ने प्रदेश के कई इलाकों में टिड्डीयों की गतिविधि का निगरानी किया है। 1 से 15 जुलाई तक के सर्वे के दौरान टिड्डीयों की एक्टिविटी को देखने का मौका मिला बीकानेर के सुरधना में।
राजस्थान समाचार: पश्चिमी राजस्थान की सरहदी सीमा के पास रेगिस्तानी क्षेत्र में एक बार फिर टिड्डी दल के आगमन से किसानों को खतरा का सामना करना पड़ रहा है। टिड्डी विभाग ने पिछले दिनों एक से 15 जुलाई तक किए गए सर्वे के दौरान बीकानेर जिले के सुरधना गांव में टिड्डीयों की एक्टिविटी को पाया है। यह स्थिति किसानों में हड़कंप पैदा कर रही है। टिड्डी विभाग ने इस बारे में शांत किया है कि सर्वे के दौरान टिड्डियों की मात्रा काफी कम है और इससे वर्तमान में खतरा नहीं है। ज्यादा खतरा ना होने के कारण सरहदी सीमा के पास के क्षेत्रों में टिड्डी विभाग ने विशेष सतर्कता के साथ टिड्डी दल के आगमन का निगरानी किया है।
इन इलाकों में रखी जा रही नजर
टिड्डी विभाग ने बताया है कि वे बीकानेर, बाड़मेर, जोधपुर और जालौर जैसे पश्चिमी राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों के साथ आसपास के इलाकों पर नजर रख रहे हैं। इस वर्ष की अच्छी बारिश के कारण जमीन में नमी बनी हुई है, जिससे हरियाली बढ़ गई है। इसके साथ ही वे टिड्डी दल के आने वाले रूट को भी नजरअंदाज नहीं कर रहे हैं, जिस रास्ते टिडडी दल भारत में प्रवेश करता है। सागर तट, सामुद्रिक भाग और अंतरिक्ष में किडनी और वयस्कों के समूहों को भी नियंत्रित किया गया है।
महीने में दो बार होता है सर्वे
उन्होंने बताया है कि राजस्थान और गुजरात से सटे भारत-पाक सीमा के इलाकों में नियमित रूप से सर्वे करवाया जाता है। इस वर्ष 10 जिलों के सभी इलाकों में 155 स्पॉट देखे गए हैं, जहां पर सर्वे किए गए हैं। इसमें बाड़मेर, जैसलमेर, फलौदी बीकानेर, सूरतगढ़, चूरू, नागौर, जोधपुर, जालौर, गुजरात के पालनपुर और भुज में सर्वे किया गया है। वहीं बीकानेर टिड्डी विभाग के कंट्रोल रूम इंचार्ज डॉ वीरेंद्र कुमार ने बताया है कि हमारे विभाग के द्वारा महीने में दो बार सर्वे करवाया जाता है।
बरसात के बाद बढ़ता है टिड्डीयों का खतरा
उन्होंने बताया है कि भारत-पाकिस्तान की सीमा से जुड़े 10 जिलों में टिड्डीयों का सर्वे किया जाता है, जिसमें गुजरात का भी हिस्सा शामिल है। इस वर्ष बारिश के अच्छे मौसम के कारण जमीन में नमी और हरियाली बढ़ गई है, जिससे एक से 15 जुलाई तक सर्वे किया गया है। उन्होंने अपने बीकानेर इलाके में टिड्डीयों की गतिविधि देखी गई है और बताया कि रेगिस्तानी इलाकों में मॉनसून के दौरान जून-जुलाई में बरसात के बाद से ही टिड्डीयों का खतरा बढ़ जाता है।
उन्होंने बताया है कि थार में टिड्डीयां पाकिस्तान की तरफ से आती रही हैं, लेकिन अभी तक टिड्डीयां उस रूट पर कहीं नजर नहीं आ रही हैं, जिससे राहत है। उन्होंने कहा है कि लेकिन सर्वे में राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में भारी बारिश के चलते टिड्डीयों का दल पनपने के लिए परिस्थितियां पूरी अनुकूल बनी हुई हैं।