सीएम अशोक गहलोत ने उदयपुर में एशिया की दूसरी सबसे बड़ी झील के पास लेपर्ड सफारी की शुरुआत की है। जयसमंद झील पर्यटन क्षेत्र में आने वाले पर्यटक बोटिंग के बाद जंगल में एडवेंचर का आनंद ले सकेंगे।
राजस्थान समाचार: उदयपुर (Udaipur) के पर्यटन में एक और बड़ा अध्याय जुड़ गया है। यहां एशिया (Asia) की दूसरी सबसे बड़ी जयसमंद झील (Jaisamand Lake) को देखने आने वाले पर्यटक अब 39 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर एडवेंचर का आनंद ले सकेंगे। उदयपुर में राजस्थान की तीसरी लेपर्ड सफारी (Leopard Safari) की शुरुआत हो चुकी है। सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने उदयपुर दौरे पर लेपर्ड सफारी का वर्चुअल उद्घाटन किया है। इसके बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने हरी झंडी दिखाकर जिप्सी को रवाना किया।
उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान सीएम गहलोत ने व्यक्त किया कि राज्य सरकार द्वारा वन और पर्यावरण संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। प्रदेश में वन्यजीव, वन क्षेत्र और इको टूरिज्म का निरंतर विकास किया जा रहा है। जयसमंद अभयारण्य में जंगल सफारी की शुरुआत से उदयपुर जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही प्रदेश में एक प्रमुख इको टूरिज्म स्थल का विकास होगा और क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। उन्होंने बताया कि जयसमंद अभयारण्य में प्रोजेक्ट लेपर्ड के तहत किए गए प्रयासों से वर्तमान में लेपर्ड की संख्या 19 तक बढ़ चुकी है।
राजस्थान में चौथे टाइगर प्रोजेक्ट पर चल रहा काम
सीएम गहलोत ने बताया कि वर्ष 1972 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वन एवं वन्यजीव संरक्षण के महत्व को समझते हुए ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ की शुरुआत की थी। इसका परिणामस्वरूप, भारत में विश्व के 70% बाघ आज भी बसे हुए हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान में तीन टाइगर सफारी हैं। हाल ही में राज्य में चौथे टाइगर प्रोजेक्ट के रूप में रामगढ़ वन्यजीव अभयारण्य का विकास किया गया है।
लेपर्ड सफारी में क्या कुछ होगा खास
बांसवाड़ा हाईवे से लगभग 50 किलोमीटर दूर, उदयपुर से, जयसमंद झील स्थित है। इस क्षेत्र में, जयसमंद झील के अतिरिक्त, कोई महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल नहीं है, जिसके कारण यहां के पर्यटकों को ठहरने का अवसर नहीं मिलता है। लेकिन अब, यह बदलने जा रहा है। क्योंकि यहां पर अब लेपर्ड सफारी की शुरुआत हो गई है। जयसमंद झील के दर्शन के बाद, शाम को जंगल सफारी का आनंद लिया जा सकता है।
इस जंगल सफारी में, 2 ट्रैक बनाए गए हैं, जिनमें से एक 17 किलोमीटर और दूसरा 22 किलोमीटर का है। कुल मिलाकर, इसमें 34 किलोमीटर के ट्रैक्स हैं। इसमें एक ट्रैक्स पर लगभग ढाई घंटे का समय लगेगा। लेपर्ड सफारी का समय सुबह 6 से 9 बजे और शाम 4:30 से 7:30 बजे तक होगा। प्रत्येक व्यक्ति के लिए इस सफारी का खर्च 780 रुपये होगा।