एनसीपी (Nationalist Congress Party) का असली बॉस कौन है, यह चुनाव आयोग के सामने पहुंचा है। शरद पवार और अजित पवार दोनों इस मामले पर दावा कर रहे हैं और इसका निर्णय चुनाव आयोग द्वारा होगा।
एनसीपी संकट: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पर शरद पवार और अजित पवार के बीच का दावा चुनाव आयोग के समक्ष उपस्थित है। इस मामले की सुनवाई के लिए, चुनाव आयोग ने दोनों दलों (शरद पवार और अजित पवार) को अपनी पक्ष रखने के लिए बुलाया है। इस सुनवाई के दौरान, एनसीपी के चीफ शरद पवार ने खुद पहुंचार किया है, और उनके साथ जितेंद्र आव्हाड़ और वंदना चव्हाण भी आयोग के सामने प्रस्तुत हैं।
इसके विपरीत, इस सुनवाई के लिए अजित पवार के दल ने अपने वकील को भेजा है। हाल ही में, अजित पवार के नेतृत्व में कई नेताओं ने एनसीपी से बगावत कर दी थी, और उन्होंने एकनाथ शिंदे के साथ बीजेपी की गठबंधन वाली सरकार में शामिल हो गए थे।
इसके साथ ही, अजित पवार ने महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में डिप्टी सीएम का पद ग्रहण किया। उन्होंने एनसीपी (NCP) के पार्टी और उसके प्रतीक को लेकर चुनाव आयोग के सामने आवाज उठाई थी, और इसी के आधार पर आयोग सुनवाई कर रहा है। एनसीपी का प्रतीक घड़ी है, और इस प्रतीक के साथ ही आयोग यह सुनवाई कर रहा है।
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चुनाव आयोग के अधिकारी ने चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि आयोग ने इस विचार पर पहुंच गया है कि एनसीपी में दो प्रतिद्वंद्वी समूह हैं। एक समूह का नेतृत्व शरद पवार (Sharad Pawar) कर रहे हैं, और दूसरे समूह का नेतृत्व अजित पवार (Ajit Pawar) कर रहे हैं।
मामला क्या है?
अजित पवार ने 30 जून को चुनाव आयोग (Election Commission) के दरवाजे पर दस्तक दी थी। उन्होंने पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न के बारे में दावा किया था। इसके बाद, अजित पवार ने खुद को पार्टी के अध्यक्ष भी घोषित किया था।