राजस्थान विधानसभा में राजेंद्र गुढ़ा ने लाल डायरी के जिक्र किया और इसके बाद कांग्रेस सदस्यों ने उन्हें बोलने से रोक दिया, जिससे हाथापाई की स्थिति बन गई। इस हंगामे के बीच, सदन में कार्यवाही को 3 बार स्थगित करना पड़ा।
राजस्थान विधानसभा में राजेंद्र गुढ़ा: राजस्थान विधानसभा में हुई घटना ने राज्य की राजनीति को काफी उच्च पारा तक पहुंचा दिया है। इस हंगामे में, कांग्रेस के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के साथ कांग्रेसी विधायकों और मंत्रियों ने उनके साथ बदसलूकी की। आरोप है कि उनके साथ सदन के अंदर ही धक्का मुक्की की गई और उन्हें जबरदस्ती विधानसभा से बाहर निकाल दिया गया। विधानसभा के अंदर का वीडियो भी इस बात की पुष्टि करता है। इस घटना ने प्रदेश की राजनीति और आम जनता के लिए एक अत्यंत अस्थायी दंग का माहौल बना दिया है।
राजेंद्र गुढ़ा ने विधानसभा के बाहर मीडिया से बात की, जिसमें उन्होंने बताया कि करीब 50 लोगों ने उनपर हमला किया और लात-घूंसे तक चलाए। उन्हें गिराकर मारा गया। इस घटना की वजह एक लाल डायरी है, जिसमें कांग्रेस से जुड़े कई राजनीतिक राज छुपे हैं, जिसके बारे में राजेंद्र गुढ़ा दावा करते हैं।
लाल डायरी का रहस्य उजागर करने का दावा
राजस्थान विधानसभा में हुई इस घटना ने राज्य की राजनीति में तहलका मचा दिया है। जब राजेंद्र गुढ़ा ने विधानसभा में लाल डायरी का जिक्र किया, तो कांग्रेस के सदस्यों ने उन्हें बोलने से रोका और हाथापाई की स्थिति बन गई। इस हंगामे के बीच, सदन की कार्यवाही को तीन बार स्थगित करना पड़ा।
राजेंद्र गुढ़ा का दावा है कि जिस लाल डायरी के हिस्से कर दिए गए, वह केवल एक कॉपी थी और असली डायरी उनके पास अभी भी सुरक्षित है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से मांग की कि इस डायरी को सदन के पटल पर रखने की अनुमति दें, लेकिन इस मांग को खारिज कर दिया गया।
यह सम्माननीय है कि राजेंद्र गुढ़ा ने मीडिया के सामने बातचीत की और यह दावा किया है कि वे इस लाल डायरी को मीडिया में उजागर करके रहेंगे। इस घटना के बाद सदन के अंदर विधायकों के बीच तनाव दिखा है और यह विधानसभा में एक अतिशयोक्ति और गर्माहट का समय है।
क्या है उस लाल डायरी में?
जिस लाल डायरी के जिक्र भर से राजस्थान की विधानसभा में भूचाल आया है, उसमें राजेंद्र गुढ़ा ने कहा है कि उस डायरी में सियासी संकट के दौरान बीजेपी विधायकों को खरीदने से जुड़े राज हैं। उन्होंने इस डायरी के माध्यम से यह दावा किया है कि विधानसभा चुनाव के दौरान भी विधायकों को करोड़ों रुपये देने की बात हुई थी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को आरसीए बनाने से पहले भी वोट खरीदी से जुड़े प्रमाण हैं। ये दावे राजेंद्र गुढ़ा ने किए हैं।
हालांकि, इन दावों की सटीकता और संबंधित तथ्यों का प्रमाण देने के लिए तथ्यात्मक प्रमाणित स्रोतों से सत्यापन आवश्यक होता है। इस संदर्भ में, स्थानीय पत्रकारों और विधायकों द्वारा प्रस्तुत किए गए न्यूज रिपोर्ट्स और वीडियोज़ को भी सत्यापित किया जा सकता है। संदर्भ के सटीक होने के लिए, आपको विशेष ध्यान देने वाले ख़बरों और स्रोतों की जांच करने का सुझाव दिया जाता है।