आनंद मोहन का मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए प्रस्तुत हो गया है। उनके खिलाफ जेल से रिहाई की मांग पर, आनंद मोहन ने शुक्रवार को जवाब दिया।
सहरसा: आनंद मोहन, पूर्व सांसद, हाल ही में महिषी प्रखंड के महपुरा गांव में एक आमसभा में शुक्रवार को शामिल हुए थे। वहां उन्होंने पूछा कि उनके छुट्टे के बाद किसको चिढ़ आ रही है और इसका कारण क्या है। उन्हें पता है कि यह व्यक्ति कांग्रेस पार्टी को हाथी की तरह घुरने और खड़ा करने की कोशिश करेगा। वे कहते हैं कि हम समाजवाद के लिए लड़ने के लिए यहां हैं। आगे उन्होंने कहा कि कोई बार-बार कहे कि हम दलितों के विरोधी हैं, लेकिन महिषी इसका साक्ष्य है कि जब सात हजार राजपूत छात्र थे, तब भी हमने 62 हजार मतों से चुनाव जीते थे। हमने किससे जीता था? हमने पिछड़ों के सबसे अग्रणी नेता से जीता था।
आनंद मोहन का कैरेक्टर बिहार तय करेगा- आनंद मोहन
आनंद मोहन ने कहा कि उनका व्यक्तित्व किसी दिल्ली, उत्तर प्रदेश या आंध्र प्रदेश से नहीं, बल्कि बिहार से जुड़ा होगा। उन्होंने महिषी प्रखंड के महपुरा गांव में स्वर्गीय इंद्रदेव सिंह के प्रतिमा का अनावरण किया। इस महोत्सव के दौरान मधेपुरा के सांसद दिनेश चंद्र यादव, जेडीयू के पूर्व विधायक अरुण यादव जैसे कई प्रमुख राजनीतिक नेता मौजूद थे।
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
आनंद मोहन सिंह की रिहाई के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से लिखित जवाब के लिए समय मांगा है और उसे अगली सुनवाई के लिए एक अगस्त तारीख दी है। कोर्ट ने बिहार सरकार को आगामी अगस्त के पहले हफ्ते तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में अगस्त के बाद कोई सुनवाई नहीं करने का फैसला लिया है। इस मामले में गोपालगंज के पूर्व जिला मजिस्ट्रेट जी कृष्णैया की पत्नी, उमा कृष्णैया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। यह मामला आठ मई को पहली सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया था, जिसके दौरान कोर्ट ने बिहार सरकार और आनंद मोहन सिंह दोनों को नोटिस जारी किया था।