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सीजेआई चंद्रचूड़ के सामने अब किसने कर दी हिमाकत…

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सीजेआई चंद्रचूड़ ने वकील की क्लास लगाते हुए कहा कि अंतिम आदेश मुख्य न्यायाधीश का होता है और उस पद पर वह हैं. उन्होंने वकील को हिदायत दी कि दोबारा ऐसी अजीब हरकत कोर्ट में न हो.

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने एक वकील के व्यवहार पर कड़ी नाराजगी जताई। गुरुवार, 3 अक्टूबर 2024 को, जब उन्हें पता चला कि एक वकील ने उनके द्वारा लिखे गए जजमेंट को कोर्ट मास्टर से क्रॉस-चेक किया, तो CJI चंद्रचूड़ गुस्से में आ गए। उन्होंने वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि आज वह कोर्ट मास्टर से पूछ रहे हैं, कल को वह उनके व्यक्तिगत सचिव से भी पूछ सकते हैं कि वे क्या कर रहे हैं।

वकील ने CJI को बताया कि उसने कोर्ट के जजमेंट को कोर्ट मास्टर से क्रॉस-चेक किया था। यह सुनते ही CJI ने गुस्से में कहा, “आपकी हिम्मत कैसे हुई कोर्ट मास्टर से ये पूछने की कि मैंने जजमेंट में क्या लिखा? आपने कोर्ट मास्टर की डायरी में झांकने की हिमाकत कैसे की? कल को आप मेरे घर पहुंच जाएंगे और मेरे व्यक्तिगत सचिव से पूछेंगे कि मैं क्या कर रहा हूं। क्या वकील अपनी सारी समझ खो बैठे हैं?”

वकील ने यह कहकर अपनी स्थिति स्पष्ट की कि उसे कोर्ट मास्टर की डायरी से पता चला कि मध्यस्थ नियुक्त किया गया है। इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कोर्ट मास्टर से पूछा कि क्या उन्होंने वकील से कुछ कहा था। कोर्ट मास्टर के उत्तर देने के बाद, जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि वकील तो कुछ और ही बता रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अंतिम आदेश वही होता है जिस पर वे हस्ताक्षर करते हैं और चेतावनी दी कि ऐसी अजीब तरकीबें फिर से न अपनाई जाएं।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने वकील को याद दिलाया कि वह अभी मुख्य न्यायाधीश हैं, भले ही उनके कार्यकाल का समय कम बचा है। उन्होंने कहा, “मैं अभी मुख्य न्यायाधीश हूं। हालांकि, कार्यकाल का ज्यादा समय नहीं बचा है, लेकिन अपने कार्यकाल के अंतिम दिन तक मैं कोर्ट का इंचार्ज हूं।”

कुछ दिन पहले, सीजेआई ने एक व्यक्ति को सुनवाई के दौरान कैजुअल भाषा का इस्तेमाल करने पर फटकार लगाई थी। उस व्यक्ति ने पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ जांच की अपील करते हुए याचिका दाखिल की थी, और उसने “Yeah” शब्द का इस्तेमाल किया। इस पर सीजेआई ने उसे टोका और कहा कि वह कोर्ट में हैं, कॉफी शॉप में नहीं।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने यह भी बताया कि याचिकाकर्ता पूर्व मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ जांच की मांग नहीं कर सकते, क्योंकि वह कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि देश की सुप्रीम कोर्ट के सर्वोच्च पद पर रह चुके हैं।

जस्टिस चंद्रचूड़ 9 नवंबर, 2022 को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश बने थे और उनका कार्यकाल इस साल 10 नवंबर को समाप्त हो रहा है।

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