महंत राजूदास ने कहा है कि “मैं आपको आग्रह करता हूं, अभी तो तीन मंदिरों का मामला ही संभव है। अयोध्या में काम चल रहा है और काशी-मथुरा में भी आप आगे आकर हमको सहायता करें।”
ज्ञानवापी मस्जिद मामला: महंत राजूदास के बयान के अनुसार, वाराणसी की ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक सर्वे के दौरान उन्होंने कहा है कि वर्तमान में तीन मंदिरों (अयोध्या, काशी, और मथुरा) के निर्माण का मुद्दा ही संभवतः विवादास्पद है। उन्होंने वाराणसी के मुद्दे के साथ जुड़े हुए अविवादित दावे किए हैं, जिनसे जाहिल ज्ञानवापी परिसर के साथ हमला किया जा सकता है। महंत राजूदास ने काशी और मथुरा के बारे में भी विवादास्पद भाषण दिया है, जिससे समझा जा सकता है कि उन्हें वहां भी हिंदू अधिकार को सम्मान दिया जाना चाहिए। उन्होंने अपने बयान में ओवैसी और अन्य मुस्लिम संस्थानों को भी ध्यान में रखा है, जिन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता की बातें की है लेकिन उन्हें हिंदू अधिकार को लेकर उलझा दिखाया है। उन्होंने वरशिप एक्ट के भी हवाले दिए हैं, जो उनके मानने के अनुसार अभी भी हिंदू समुदाय को उनके अधिकारों के प्रति असमानता का कारण बन सकता है। उन्होंने अपने बयान में सरकार से अपील की है कि उन्हें भव्य मंदिरों के निर्माण में सहायता देनी चाहिए और काशी और मथुरा के बारे में भी उन्हें सुपोर्ट करनी चाहिए।
महंत राजूदास ने कही ये बात
महंत राजूदास के बयान में उन्होंने व्यक्त किया कि उनका मुख्य आवश्यकता हिंदू मंदिरों के निर्माण कार्यों के साथ आगे बढ़ना है और काशी और मथुरा के बारे में उन्हें सुपुर्द करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है, तो उन्हें अधिकार पर हक होने के बावजूद वे संवैधानिक रास्ते से 30,000 मंदिरों के निर्माण कार्यों को आगे बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, वे उस बात पर भी टिप्पणी करते हैं कि इतिहास में होने वाली गलतियों को सुधारने की आवश्यकता है, जैसे कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी पहले कहा था।
इस बात से साफ दिखता है कि यह एक विवादित मुद्दा है जिसमें धार्मिक स्थलों के निर्माण और अधिकार के सवाल शामिल हैं। इसके साथ ही, राजनीतिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी इसमें विवाद हो सकता है।