कोटे में कोटा के इस फैसले का विरोध केवल रामदास अठावले ही नहीं, बल्कि एनडीए में शामिल कई अन्य दल भी कर चुके हैं। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी इस फैसले के खिलाफ अपनी आपत्ति व्यक्त की है।
आरक्षण पंक्ति के लिए क्रीमी लेयर मानदंड: बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में शामिल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के प्रमुख रामदास अठावले ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के कोटे में कोटा आदेश पर असहमति जताई है, हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा जताया है।
रामदास अठावले ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पूरा भरोसा दिया है कि SC और ST आरक्षण में क्रीमी लेयर का प्रावधान नहीं होगा। उन्होंने पीएम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि SC और ST आरक्षण में क्रीमी लेयर नहीं होनी चाहिए। हालांकि, उन्होंने व्यक्तिगत रूप से कोटे में कोटा का समर्थन किया है।
यह प्रतिक्रिया तब आई जब बीजेपी के SC और ST वर्ग के सांसदों ने शुक्रवार (9 अगस्त 2024) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा।
पीएम ने सांसदों को दिया ये भरोसा
इस मुलाकात के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससी-एसटी वर्ग के सांसदों को आश्वस्त किया कि एससी और एसटी आरक्षण में कोई भी बदलाव नहीं किया जाएगा। इन सांसदों ने भी पीएम के आश्वासन से संतोष प्रकट किया।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध केवल रामदास अठावले ही नहीं, बल्कि एनडीए में शामिल कई अन्य दल भी कर चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी के करीबी केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास गुट) के प्रमुख चिराग पासवान ने भी इस फैसले का विरोध किया और कहा कि वे इसे किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे।
सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की संविधान पीठ ने गुरुवार को 6:1 बहुमत से फैसला सुनाया था। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में दी गई इस टिप्पणी में कहा गया कि राज्य एससी और एसटी समूहों में सबसे वंचित जातियों के लिए कोटा सुनिश्चित करने के लिए इन समूहों को उप-वर्गीकृत कर सकते हैं। इस फैसले का समर्थन करने वाले 6 जजों में से 4 ने क्रीमी लेयर को आरक्षण लाभ से बाहर रखने का सुझाव दिया।