देश में हाल ही में 2000 रुपये के नोट के बंद होने पर व्याप्त चर्चा हो रही है। इस विषय पर, बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री को समर्थन दिखाया है।
पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने शनिवार को बयान दिया है कि केंद्र सरकार द्वारा 2000 रुपये के नोट को बंद करने का निर्णय कालाधन और आतंकवाद वित्तपोषण के खिलाफ एक और सर्जिकल स्ट्राइक है। उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2016 में हजार-पांच सौ के नोटों को बंद करने के समय, जब उनके विपक्ष में रहते हुए नीतीश कुमार ने इस कदम का समर्थन किया था। वह आगे बढ़कर नीतीश कुमार को आरोप लगा रहे हैं कि यदि नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार और कालेधन से समझौता नहीं किया होता, तो वह नोट बंदी के ताजा निर्णय का भी समर्थन करना चाहिए।
नोट-बदली से जनता को कोई कठिनाई नहीं होगी- सुशील मोदी
सुशील कुमार मोदी ने बताया कि बड़ी अर्थव्यवस्था जैसे अमेरिका और यूरोप में 100 से अधिक के नोट की मुद्रा का प्रचलन नहीं होता है। उन्होंने दावा किया कि 2016 में नोटबंदी के बाद, तुरंत आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए दो हजार रुपये के नोट जारी किए गए थे। लोग पहले ही सामान्य लेन-देन में दो हजार रुपये की बड़ी मुद्रा से बचते थे। वापसी योजना के माध्यम से बैंकों में नोटों को बदलने की प्रक्रिया भी जारी थी, इसलिए जनता को नोटबंदी से कोई कठिनाई नहीं होगी।
आरबीआई ने लिया ये फैसला
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा की है। इसके अनुसार, लोग 30 सितंबर तक बैंकों में जाकर इन नोटों को जमा या बदल सकेंगे। आरबीआई ने एक बयान में यह बताया है कि चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा के रूप में रहेंगे। हालांकि, बैंकों से 2,000 रुपये के नोट तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई है। आरबीआई ने बैंकों को 30 सितंबर तक इन नोटों को जमा और बदलने की सुविधा प्रदान करने का आदेश दिया है। लोग 23 मई से बैंकों में जाकर 2,000 रुपये के नोटों को बदल और जमा कर सकते हैं, लेकिन एक बार में सिर्फ 20,000 रुपये मूल्य के नोट ही बदले जाएंगे।