आरबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका पर अपना जवाब दिया है, जिसमें दो हजार रुपये के नोटों को वापस लेने वाली अधिसूचना को लेकर कहा गया है कि यह नोटबंदी के समान नहीं है।
2000 नोट एक्सचेंज पर आरबीआई: रिजर्व बैंक ने बताया है कि दो हजार रुपये के नोटों को चलन से हटाना नोटबंदी के समान नहीं है, बल्कि यह एक वैधानिक प्रक्रिया है। इसके संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका (PIL) द्वारा इस अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई थी। आरबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट को इस जानकारी को दिया है और कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में अध्यक्ष मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रण्यम प्रसाद ने सुनवाई की। आरबीआई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पराग त्रिपाठी ने याचिका को खारिज करने की मांग की थी, जो कि बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर की गई थी।
मंगलवार से नोट बदलने की प्रक्रिया शुरू
दो हजार रुपये के नोटों को बंद करने का फैसला भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा लिया गया है। इस नोट को बदलने के लिए चार महीने का समय दिया गया है, जिसमें लोग अपने पास मौजूद दो हजार रुपये के नोट को बदल सकेंगे। बैंकों में आज से मंगलवार (23 मई) को दो हजार रुपये के नोटों को बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
नोट जमा करने के लिए दस्तावेज की जरूरत नहीं
सोशल मीडिया पर दो हजार रुपये के नोट बदलने को लेकर अफवाहें प्रचलित हो रही हैं। एक पुराना पीएनबी फॉर्म ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है, जिसमें बताया जा रहा है कि 2000 रुपये के नोट बदलवाने के लिए जमाकर्ताओं से अतिरिक्त जानकारी मांगी जाती है। इस बारे में पीएनबी ने स्पष्टीकरण किया है और कहा है कि दो हजार रुपये के नोट बदलने के लिए कोई अतिरिक्त जानकारी देने की आवश्यकता नहीं है।
पीएनबी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि दो हजार रुपये के नोट बदलने के लिए किसी आधार कार्ड, सत्यापित दस्तावेज या फॉर्म की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने सभी शाखाओं को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। इसके पहले एसबीआई ने भी बताया था कि नोट बदलने के लिए उनकी शाखाओं में किसी तरह के दस्तावेज या फॉर्म की आवश्यकता नहीं होगी।