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अखिलेश यादव बोले- बढ़ रही जनता की परेशानी, दे रही धोखा’…

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अखिलेश यादव ने केंद्र और उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकारों पर मुखर रूप से आक्रामक बयान दिया है। उन्होंने इसके माध्यम से दावा किया है कि ये सरकारें चकाचौंध की राजनीति के माध्यम से जनता को धोखा दे रही हैं।

यूपी समाचार: अखिलेश यादव, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष, ने बीजेपी सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें जनता की परेशानियों की कोई परवाह नहीं है और ये सरकारें जनता की समस्याओं को बढ़ाने में लगी हुई हैं। वह इस बात को दर्शाते हुए कहा कि बीजेपी सरकार की खराब नीतियों के कारण जनता की परेशानियां बढ़ गई हैं, लेकिन सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। उन्होंने अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए ये बयान किया।

अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार की नीतियों को समस्याओं की जड़ करार देते हुए उन्हें चकाचौंध की राजनीति और जनता को धोखा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि इसके परिणामस्वरूप संविधान और लोकतंत्र को कमजोर कर रही है। इसके विपरीत, समाजवादी पार्टी संघर्षरत है और संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट हो रही है।

इस रणनीति पर काम कर रही है बीजेपी

अखिलेश यादव ने सपा कार्यकर्ताओं को बताया कि बीजेपी सपा के नेतृत्व को बदनाम करने की रणनीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि झूठे मुकदमों के खिलाफ सपा के नेताओं पर दबाव बनाया जा रहा है, और उनकी गिरफ्तारी की कोशिश की जा रही है। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि जनता को बीजेपी की चालाकियों से गुमराह होने से बचाना होगा। यह बयान उनकी पार्टी कार्यकर्ताओं को बीजेपी के हमलों और विपक्ष के खिलाफ चालाकी के बारे में चेतावनी देने के रूप में किया गया है।

अखिलेश यादव ने दावा किया कि अब जमीन पर चुनावी लड़ाई लड़नी होगी और उनकी पार्टी, सपा, की स्वीकार्यता जनता के बीच है। इसलिए, उन्होंने संगठन को मजबूत और चुस्त-दुरुस्त बनाने का आह्वान किया और बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने की बात कही। उन्होंने कार्यकर्ताओं से जनता के साथ सीधे संपर्क में रहने और उनके सुख-दुख में सहभागी बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि सपा को जनता के बीच पिछली सरकार की उपलब्धियों और पार्टी की नीतियों को पहुंचाने के काम में तेजी लानी होगी।

विपक्षी दलों के साथ सपा ने नए संसद भवन के उद्घाटन का विरोध किया था। यह विरोध विपक्षी दलों की एक संयुक्त प्रयास का हिस्सा था जिसका मुख्य आदान-प्रदान नए संसद भवन की अवस्था, वातावरण, और पर्यावरणीय प्रभाव पर था।

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