एएसआई की टीम ने गुरुवार को ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर के सभी भागों का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया। इसके अलावा, रविवार को टीम ने ज्ञानवापी मस्जिद की संरचना को समझने के लिए उसके तीनों गुंबदों का भी सर्वे किया।
ज्ञानवापी मस्जिद एएसआई सर्वेक्षण अद्यतन: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे एएसआई की सदस्यीय टीम द्वारा किया जा रहा है। सर्वे के चौथे दिन आज (सोमवार), ग्राउंड पेनेट्रेटिंग राडार (GPR) को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के चारों कोनों पर स्टॉप किया जाएगा। जीपीआर तकनीक ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में बिना छेदछाड़ किए पुरातात्विक महत्व की पड़ताल करने में मदद करेगी। साथ ही, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की आयु की जानकारी भी मिलेगी। कल, सैटेलाइट से कनेक्टेड जीएनएसएस (GNSS) तकनीक के जरिए 3D मैपिंग और स्केलिंग पूरी की गई थी।
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का आज चौथा दिन
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे एएसआई की टीम द्वारा किया जा रहा है। रविवार को ज्ञानवापी मस्जिद की सरंचना समझने के लिए तीनों गुंबदों का सर्वे किया गया था। सर्वे का काम सुबह आठ बजे से पांच बजे तक चला था। यह सर्वे एएसआई ने आईआईटी कानपुर से मदद लेकर किया है। सर्वे का काम 3 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से आए आदेश के बाद हो रहा है। चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने एएसआई को सर्वे करने की इजाजत दी थी।
हाईकोर्ट के आदेश को मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष को तगड़ा झटका लगा है। ज्ञानवापी परिसर में एएसआई की टीम सर्वे करने को आज सुबह 10 बजे पहुंच गई थी। तीसरे दिन के सर्वे के पूरा होने पर हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया था कि गुंबदों का वैज्ञानिक परीक्षण किया गया है। तहखानों की सफाई भी कराई गई है। फोटोग्राफी और मैपिंग की कार्रवाई भी की गई। व्यास जी के तहखाने का भी सर्वेक्षण किया गया है। गुंबदों के सर्वे के दौरान गोलाकार छत मिली है, और मस्जिद परिसर से ‘हिंदू साक्ष्य’ मिलने के दावे पर मुस्लिम पक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई है।