प्रधानमंत्री मोदी ने हिरोशिमा में आयोजित जी-7 सम्मेलन में भाग लिया है और वहां ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज से मिले हैं। इसके दो दिन बाद, उन्होंने सिडनी की ओर यात्रा की है। इसका मुख्य कारण है।
ऑस्ट्रेलिया में पीएम मोदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के बाद जापान के बाद अब ऑस्ट्रेलिया में अपनी यात्रा शुरू की है। उन्होंने बताया कि वे ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के रिश्तों को एक नए स्तर पर ले जाना चाहते हैं और उन्हें अपने समकक्ष प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज के साथ रिश्तों को परिभाषित करने का मौका मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने एक इंटरव्यू में ऑस्ट्रेलियाई मीडिया को चीन के संदेश के साथ-साथ बताया है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया डायरेक्ट और ओपेन इंडो-पैसिफिक के पक्ष में खड़े हैं। प्रधानमंत्री मोदी की ऑस्ट्रेलिया यात्रा के पीछे बड़ा कारण है।
क्यों ऑस्ट्रेलिया गए हैं पीएम मोदी?
प्रधानमंत्री मोदी की सिडनी पहुंचने का कारण उनके पहले से निश्चित कार्यक्रम में शामिल है। उनकी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज से मुलाकात करेंगे। मंगलवार को सिडनी के ओलंपिक पार्क में एक विशाल कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जहां प्रधानमंत्री मोदी 20 हजार से अधिक भारतवंशी लोगों को संबोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे पर सिडनी के एक इलाके का नाम “लिटल इंडिया” रखा जाएगा। इससे पहले, मंगलवार को प्रधानमंत्री ने विभिन्न बड़ी कंपनियों के सीईओ से मुलाकात की।
ऑस्ट्रेलिया में हिट हैं पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ऑस्ट्रेलिया में बहुत प्रसिद्ध हैं। पापुआ न्यू गिनी के दौरे के बाद, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिडनी पहुंचे, वहां पर उनके स्वागत में भारी भीड़ थी और लोग “मोदी-मोदी” के नारे लगा रहे थे। लोग मोदी की एक झलक पाने के लिए उत्सुक थे।
प्रधानमंत्री मोदी की इस लोकप्रियता के कारण, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री को चिंता है। उनके बयान से ऐसा प्रतीत होता है। क्वाड की बैठक में एल्बनीज ने कहा कि पीएम मोदी की प्रचंडता का प्रबंधन करना कठिन है। लोग चाहते हैं कि उन्हें (अल्बनीज) इस आयोजन में खुद शामिल होना चाहिए।
सिडनी में आयोजित होने वाले पीएम मोदी के कार्यक्रम के लिए पहले ही 20 हजार टिकट बुक कर लिए गए हैं। इस कार्यक्रम के लिए लोग गाड़ियों और चार्टर्ड प्लेनों का इस्तेमाल करके सिडनी आ रहे हैं। इसके साथ ही, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बनीज पीएम मोदी के लिए एक डिनर आयोजित करेंगे। इस डिनर के माध्यम से दोनों नेता डिप्लोमेसी में चीन के बढ़ते दखल को रोकने की रणनीति पर चर्चा कर सकते हैं।