मुलायम सिंह यादव की संरक्षण में चल रही अखिल भारतीय यादव महासभा ने निर्णय किया है कि वह समाजवादी पार्टी (सपा) से अपने आप को अलग करेगी। अब, महासभा कल आगे की रणनीति पर विचार करेगी।
लोकसभा चुनाव 2024: समाजवादी पार्टी और उसके नेता अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं, और इस बार पार्टी यूपी में इंडिया गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने का निर्णय किया है। हालांकि इस गठबंधन के साथ ही पीडीए (PDA) के फॉर्मूले पर भी चर्चा की जा रही है, इसका असर सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर भी पड़ा है।
इंडिया गठबंधन में शामिल होने के बाद, पीडीए का समर्थन करते हुए अखिलेश यादव के साथ जुड़े परंपरागत यादव वोट बैंक में भी बदलाव हो रहा है। यह विकसित हो रहे संकट को दर्शाता है कि यादव समाज के नेताओं ने यादव मंच के माध्यम से सपा से अपने को अलग कर लिया हैं। अब लखनऊ में हुए एक समाज के नेता द्वारा आयोजित सम्मेलन में, यादव समाज के नेता ने अपनी अलग दिशा का ऐलान करने का मन बनाया है।
सपा से मोह भंग
अखिल भारतीय यादव महासभा के पदाधिकारियों की बैठक अब लखनऊ के गोमती होटल में होगी, और इस महासभा का सपा से मोहभंग होना अखिलेश यादव के लिए एक झटके की तरह है। ओबीसी कुनबे को एकत्र करने में जुटे अखिलेश यादव के लिए यह एक महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण घटना है। इससे पहले यह महासभा सदैव सपा का समर्थन करती थी, लेकिन हाल के वर्षों में सपा और महासभा के बीच अनबन बढ़ी है।
बता दें कि अखिलेश यादव वर्तमान में इंडिया गठबंधन के साथ जाने की संभावना पर विचार कर रहे हैं, जो बीजेपी के खिलाफ एक गठबंधन है। इस गठबंधन में यूपी से सपा के अलावा कांग्रेस और आरएलडी भी शामिल हैं। इसके अलावा, सपा के सहयोगी दल भी इस गठबंधन में शामिल हो सकते हैं। सपा के साथ अब उनके दल कम्युनिस्ट और महान दल के साथ एक गठबंधन है।