मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से एक मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अध्यादेश के बारे में चर्चा की और अपना समर्थन मांगा।
अरविंद केजरीवाल ने अखिलेश यादव से की मुलाकात: लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी, में महत्वपूर्ण बैठक में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच मुलाकात हुई। इस मीटिंग में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव सहित सपा और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख नेता भी मौजूद रहे। इसमें केजरीवाल ने सपा का समर्थन मांगा, जुड़े हुए अध्यादेश के खिलाफ जो केंद्र सरकार के दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार एलजी (Lieutenant Governor) को देने से संबंधित है।
इस बैठक के बाद अखिलेश यादव ने राज्यसभा में आप का समर्थन करने का ऐलान किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के संबंध में अभी तक दोनों दलों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है, लेकिन देश की सुरक्षा के लिए सभी साथ हैं और जो भी कार्रवाई करनी होगी, वह की जाएगी। इस मुलाकात के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में तापमान भी बढ़ गया है।
बैठक में क्या बोले अरविंद केजरीवाल
बैठक के बाद, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उनकी सरकार ने फरवरी में बनने के बाद केंद्र सरकार द्वारा उनकी शक्तियों को छीन लिया था। उन्होंने कहा कि वे काम करने के बावजूद भारी बहुमत से चुनाव जीते थे, और 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया था कि शक्तियों को चुनी सरकार को पास होना चाहिए। लेकिन 19 मई को मोदी सरकार ने अध्यादेश लाकर कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया। इससे साफ हो जाता है कि भाजपा के मन में कितना काला है। इस मामले पर आखिलेश यादव के साथ आज चर्चा हुई है और उन्होंने इस मुद्दे पर हमारे समर्थन का एलान किया है।
भगवंत मान ने बोला केंद्र सरकार हमला
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया कि यह लड़ाई सिर्फ दिल्ली के लोगों की ही नहीं है, बल्कि 140 करोड़ लोगों के अधिकारों को बचाने की है। एक ओर भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है, और दूसरी ओर लोकतंत्र पर अध्यादेश की कुल्हाड़ी चलाई जाती है। अगर उनकी सरकार किसी राज्य में नहीं बनती है, तो वे उपचुनाव में बना लेते हैं। वे 30-40 विधायकों को खरीद लेते हैं, यही उनका काम है। अगर राज्यपाल नई सरकार को तंग नहीं करता है, तो वे उसे फोन करके कहते हैं। उन्होंने पूरे देश पर कुल्हाड़ी चलाई है। पंजाब में 117 में से 92 विधायक हमारे हैं। जब हमने बजट सत्र के लिए राज्यपाल से अनुमति मांगी, तो उसने नहीं दी, हमें कोर्ट से इजाजत लानी पड़ी।
केजरीवाल से मुलाकात के बाद अखिलेश का फैसला
अखिलेश यादव ने बताया कि दिल्ली के आदेश एंटी-डेमोक्रेटिक हैं और सपा अब अरविंद केजरीवाल के साथ है। वे अपने सदस्यों को राज्यसभा में उनका समर्थन देंगे। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आम आदमी पार्टी जो अच्छा काम कर रही है, उसे भाजपा को रास नहीं आ रहा है। उन्हें आपके अच्छे काम और सोच से घबराहट हो रही है, इसलिए वे आर्डिनेंस लाए हैं। उनके सदस्य आपके साथ हैं।
अखिलेश यादव ने लखनऊ कोर्ट में गोलीकांड पर ताने दिए कि अगर सपा कुछ कहेगी तो कहेंगे कि सपा ने मरवा दिया। उत्तर प्रदेश के अगर लॉ एंड आर्डर को देखा जाए, तो पीछे मुड़कर देखना चाहिए। आखिरकार, क्योंकि कार्यवाहक डीजीपी लखनऊ और दिल्ली में इंजन टकरा रहे हैं, इस पर अखिलेश ने सवाल उठाया। सबसे असुरक्षित महिलाओं और बेटियों का यूपी में होना है। भाजपा के टिफिन बैठकों के उल्लेख करते हुए, अखिलेश ने पूछा कि क्या इन टिफिनों के साथ बाहर निकलने पर लॉ एंड आर्डर की घटनाएं नहीं दिख रही हैं। उनका सवाल यह है कि हत्या कहां हो रही है, जबकि वह सबसे सुरक्षित स्थानों में माना जाता है।