यह एक विवादास्पद योजना है, जो दो साल पहले शुरू की गई थी, जिसमें युवाओं को कुछ वर्षों के लिए सेना में भर्ती किया जाता है।
अग्निपथ भर्ती मॉडल: अग्निपथ भर्ती मॉडल में किसी भी बदलाव की योजना नहीं है, ऐसा कहा जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यदि इस योजना में किसी तरह का बदलाव हुआ, तो इसके उद्देश्य को पूरा करना मुश्किल हो जाएगा। हिंदुस्तान टाइम्स ने एक अधिकारी के हवाले से बताया कि यदि अग्निपथ योजना में कोई परिवर्तन किया गया तो इससे भारत की सुरक्षा हितों को खतरा हो सकता है।
अग्निपथ भर्ती मॉडल, जो दो साल पहले सशस्त्र बलों को युवा और युद्ध के लिए तैयार रखने के उद्देश्य से पेश किया गया था, एक विवादास्पद योजना है। इस योजना के तहत युवाओं को कुछ वर्षों के लिए सेना में भर्ती किया जाता है। अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “यह योजना चीन के खिलाफ हमारी रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमें उन कठिन सीमाओं और बीहड़ पहाड़ों में लड़ने के लिए युवा सैनिकों की जरूरत है। हमारे पैदल सेना के सैनिकों की औसत आयु 29 है, लेकिन हमें इसे 21 के करीब लाने की आवश्यकता है।” अग्निपथ योजना के तहत केवल 17 से 21 वर्ष की आयु के युवक और युवतियां सेना में भर्ती के योग्य हैं। चुने गए सैनिकों में से 25% को अगले 15 साल तक नियमित सेवा में बनाए रखने का प्रावधान है।
पेंशन बिल का भारी भरकम खर्चे से राहत: अधिकारी
एक अन्य अधिकारी ने अखबार को बताया कि अग्निपथ योजना का उद्देश्य पेंशन बिल में कटौती करना और सेना को चीनी बलों के मुकाबले के लिए तैयार रखना है। उन्होंने कहा, “सैनिकों की औसत आयु को कम करने के लिए केवल दो तरीके हैं: अल्पकालिक भर्ती या अन्य भर्ती के तरीकों से। भारत जैसी बड़ी आबादी वाले देश में, हमें इजरायल की तरह अनिवार्य सेना सेवा की आवश्यकता नहीं है। इसलिए, अग्निपथ के माध्यम से अल्पकालिक भर्ती सुनिश्चित करती है कि सेना में युवा सैनिक अपनी शारीरिक फिटनेस के चरम पर रहें।”
अधिकारी ने यह भी कहा कि यह योजना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक है। कांग्रेस ने बार-बार इस योजना को रद्द करने की मांग की है, और देशभर के युवाओं ने इसका विरोध किया है। हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनावों में यह योजना एक प्रमुख मुद्दा बनेगी। पुराने भर्ती सिस्टम के तहत भर्ती किए गए सैनिकों को पेंशन, स्वास्थ्य देखभाल, और कैंटीन सुविधाओं जैसे लाभ मिलते थे और वे लगभग 20 वर्षों तक सेवा देते थे। हालांकि, अग्निपथ योजना के तहत, चार साल की सेवा के बाद अग्निवीर किसी भी लाभ के पात्र नहीं होते हैं।