विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अजीत डोभाल के अमेरिका नहीं जाने का कारण नोटिस नहीं है। विदेश सचिव ने अमेरिका को जानकारी दी है कि पन्नू के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच चल रही है।
पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे की ताजा खबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा पर हैं, जिसमें उनके साथ कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। उन्होंने विभिन्न देशों के प्रमुखों से द्विपक्षीय वार्ता की है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल इस बार उनके साथ नहीं हैं। इस बारे में कई अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन अब इसका सही कारण सामने आया है।
भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, डोभाल ने किसी अंतरराष्ट्रीय दबाव या अन्य कारणों से यात्रा नहीं छोड़ी है, बल्कि वे जम्मू-कश्मीर में चल रहे चुनाव और अन्य घरेलू सुरक्षा मुद्दों को संभालने के लिए भारत में रुके हुए हैं। अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि डोभाल न्यूयॉर्क की एक अदालत के समन के कारण यात्रा पर नहीं गए हैं।
क्या है पूरा मामला
असल में, खालिस्तानी कार्यकर्ता और “सिख फॉर जस्टिस” के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा दायर एक दीवानी मुकदमे के जवाब में अजीत डोभाल को समन भेजा गया था। इसके अलावा, मोदी सरकार के खिलाफ अभियान चलाने वाले सिख कार्यकर्ताओं की एक बैठक हाल ही में हुई, जिससे यह सवाल उठने लगा कि क्या अमेरिकी सरकार नई दिल्ली को कोई “तीखा संदेश” भेज रही है। इसी बीच, भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को पन्नू द्वारा दायर मुकदमे को पूरी तरह से अनुचित और निराधार बताया।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा था कि सरकार पन्नू के खिलाफ कथित हत्या की साजिश से संबंधित अमेरिकी न्याय विभाग के आरोपों की उच्च स्तरीय जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि 2002 के गुजरात मुस्लिम विरोधी हिंसा के मामले में अमेरिका ने नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले कई समन जारी किए थे, लेकिन सभी समन “निरस्त” कर दिए गए, क्योंकि अमेरिकी विदेश विभाग ने सेवारत अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों के लिए प्रतिरक्षा का आह्वान किया था।