जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों से पहले एक रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह पहली बार है जब भारत के संविधान के तहत यहां चुनाव आयोजित किए जा रहे हैं।
जम्मू कश्मीर चुनाव 2024: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पाकिस्तान को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। शनिवार (7 सितंबर, 2024) को जम्मू-कश्मीर में एक चुनावी जनसभा के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक घाटी में शांति स्थापित नहीं होती, पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं होगी।
अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में यह पहली बार हो रहा है जब भारत के संविधान के तहत चुनाव आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि कोई भी ताकत जम्मू-कश्मीर में स्वायत्तता की बात नहीं कर सकती और यह चुनाव बिना किसी रोक-टोक के हो रहे हैं। उन्होंने पहले हुए लोकसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए बताया कि 58 प्रतिशत मतदान हुआ था। शाह ने बूथ कार्यकर्ताओं की महत्वता की सराहना की और कहा कि जब बूथ पूरी ताकत से काम करते हैं तो अच्छे-अच्छे लोगों को पसीने छूटते हैं।
अनुच्छेद 370 पर उमर अब्दुल्ला की क्या है प्लानिंग?
दरअसल, जम्मू-कश्मीर में पहली बार अनुच्छेद 370 के समाप्त होने के बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर संकेत देते हुए कहा कि कुछ लोग अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता की कोई बात नहीं कर सकता और यह चुनाव पूरी तरह से संविधान के तहत हो रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक पॉडकास्ट में कहा कि वह अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करेंगे। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने बताया कि अनुच्छेद 370 और जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति उनकी पार्टी की विचारधारा का हिस्सा है और वे इसे लेकर आत्मसमर्पण नहीं करेंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इसे लागू करने के लिए केंद्र में कुछ सरकारी बदलावों की जरूरत होगी, और यह काम पांच साल में नहीं होगा, जैसे कि भाजपा को इसे लागू करने में दशकों लगे।