अलबामा के मिसाइल डिफेंस कंपनी पार्सन्स कॉरपोरेशन ने अपने कर्मचारी वार्ष्णेय को अचानक बर्खास्त कर दिया। उनके एक सहकर्मी ने उन्हें उनके बहनोई से हिंदी में बात करते हुए सुन लिया था।
भारतीय अमेरिकी इंजीनियर: एक भारतीय-अमेरिकी इंजीनियर ने दावा किया है कि उन्हें पिछले साल अपने किसी रिश्तेदार से फोन पर हिंदी में बात करने के आरोप में नौकरी से निकाल दिया गया है। 78 वर्षीय अनिल वार्ष्णेय काफी लंबे समय से अलबामा के साउथ डिस्ट्रिक्ट में पार्सन्स कॉरपोरेशन में काम करते थे।
अनिल वार्ष्णेय ने जानकारी दी कि उन्होंने अलबामा के मिसाइल डिफेंस कांट्रेक्टर पार्सन्स कॉरपोरेशन सहित अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे. ऑस्टिन के खिलाफ नागरिक अधिकार मुकदमा दायर किया है। AL.com के रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी रक्षा मंत्री का विभाग ही मिसाइल डिफेंस एजेंसी की देखरेख करता है।
मुकदमा खारिज करने की बात
अलबामा के मिसाइल डिफेंस कांट्रेक्टर पार्सन्स कॉरपोरेशन ने अचानक वार्ष्णेय को बर्खास्त कर दिया। उनके एक सहकर्मी ने उन्हें भारत में अपनी बहनोई से वीडियो कॉल के जरिए हिंदी में बात करते हुए सुन लिया था। इस पर कर्मचारी ने उनके खिलाफ सुरक्षा नियमों के उल्लंघन करने के झूठे आरोप लगा दिए। हालांकि, अदालत में दायर एक जवाब में पार्सन्स ने गलत काम करने का इनकार किया और अनिल वार्ष्णेय के तरफ से मुकदमा खारिज करने के लिए कहा।
खाली रूम में अपने बहनोई से वीडियो कॉल
अनिल वार्ष्णेय ने अपने मुकदमे में बताया कि उन्होंने पार्सन्स कार्यालय में जुलाई 2011 से अक्टूबर 2022 तक काम किया था। उन्होंने खाली एक कक्षा में अपने बहनोई से वीडियो कॉल की बात मानी थी, जिसमें वे 2 मिनट तक बात कर रहे थे। पार्सन्स ने उनके वीडियो कॉल करने पर कंपनी की सुरक्षा नीति का उल्लंघन किया बताया और उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। वार्ष्णेय ने दावा किया है कि कंपनी की नीति में उनके कॉल को रोकने का कोई उल्लेख नहीं है। इसमें वो कंपनी के साथ भविष्य में काम करने पर रोक लगा देने के खिलाफ हैं। उन्होंने बताया कि वे पहली बार 2002 में संघीय एजेंसी के लिए काम करना शुरू किया था और 2022 तक पार्सन्स में अपनी सेवाएं देते रहे थे।