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अयोध्या विजन 2047 पर हो रहा काम…

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सांस्कृतिक, वैदिक और पौराणिक धरोहरों की संरक्षा को महत्वपूर्ण मानते हुए, स्मार्ट सिटी के रूप में उनका विकास किया जाना चाहिए। इसका मुख्य ध्यान मुख्य सड़कों के साथ-साथ मंदिर मार्ग पर स्थित भवनों और संस्थानों पर होना चाहिए।

यूपी समाचार: प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान राम भक्तों को पौराणिक अयोध्या का दर्शन का अवसर मिलेगा। अयोध्या को विभिन्न डिजाइन, कलर पैटर्न, और मटेरियल पैटर्न के माध्यम से दिव्य रूप दिया जा रहा है। रंगबिरंगी लाइट से सजे राम मंदिर के विभिन्न मार्गों पर अनोखी छतें विकसित की जाएँगी। पर्यटन की विविधता भी दर्शनार्थियों को आकर्षित करने का केंद्र होगी। नगर आयुक्त विशाल सिंह ने बताया है कि अयोध्या विकास प्राधिकरण ने राम पथ, जन्मभूमि पथ, और भक्ति पथ के लिए डीपीआर (Detailed Project Report) बनाकर शासन को मंजूरी के लिए भेजा है। उन्होंने यह भी बताया है कि एडीए (Architectural and Aesthetic Development Authority) फसाड कंट्रोल गाइडलाइन पर काम करके कॉमन बिल्डिंग कोड को लागू करने के लिए कार्यरत है। व्यावसायिक भवन, दुकान, मठ-मंदिर, और आवासीय भवन के विभिन्न डिजाइन, कलर पैटर्न, और मटेरियल पैटर्न का अनुसरण किया जा रहा है, जिससे अयोध्या का भव्य दृश्य देखने का अवसर मिलेगा।

सांस्कृतिक, वैदिक और पौराणिक धरोहरों का ध्यान

विशाल सिंह ने अयोध्या के विकास के तहत एडीए को मुख्य सड़कों के अलावा मंदिर मार्ग किनारे स्थित भवनों और संस्थानों पर जोर दिया है। इसका उद्देश्य सांस्कृतिक, वैदिक और पौराणिक धरोहरों को संरक्षित रखते हुए अयोध्या को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करना है। इसके अंतर्गत, अयोध्या की मुख्य सड़कों को मंदिर मार्गों से जोड़ने वाली सड़कों का चौड़ाईकरण किया जा रहा है, पुरातन मंदिरों और ऐतिहासिक इमारतों को रंग रोगन और फसाड लाइट के माध्यम से सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। अयोध्या को आकाश से भी अलग छटा दिखाने की कोशिश की जा रही है। पर्यटन स्थलों में विविधता के माध्यम से भी अयोध्या को दर्शनार्थियों के आकर्षण का केंद्र बनाया जाएगा।

पर्यटन की विविधता अयोध्या विजन 2047 का हिस्सा

विशाल सिंह ने अयोध्या विजन 2047 के तहत पर्यटन की विविधता को महत्व दिया है। उनके अनुसार, सूर्य कुंड पर ट्रायल एंड रन आयोजित हो रहा है और गुप्तार घाट क्षेत्र का पूरा विकास हो चुका है। समदा में श्री राम बर्ड सेंचुरी का निर्माण किया गया है। अयोध्या शहर में पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के धरोहरों का भी विकास किया जा रहा है। एडीए का फोकस पर्यटन के लिए आवश्यक सुविधाओं पर है। पर्यटक और श्रद्धालुओं को 14 कोसी, पंचकोसी, और 84 कोसी की परिक्रमाएं करने का विकल्प मिलेगा। अयोध्या का सामाजिक और आर्थिक विकास श्रद्धालुओं और पर्यटकों के तीन दिन से कम रुकने पर होगा।

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