भारतीय सेना का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में लगभग 130 आतंकवादी सक्रिय हैं, जिनसे निपटने के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं।
जम्मू कश्मीर समाचार: भारतीय सेना ने जानकारी दी है कि जम्मू-कश्मीर में लगभग 130 आतंकवादी सक्रिय हैं, जिन्हें जल्द ही उनके अंजाम तक पहुंचाने की योजना है। भारत-चीन सीमा विवाद पर, सेना ने कहा कि दोनों देशों की सेनाएं अब अपनी सीमाओं की रक्षा शांतिपूर्ण तरीके से करने के प्रयास में जुटी हैं।
जम्मू में भारतीय सेना के उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल सुचेंद्र कुमार ने कहा कि जम्मू, कठुआ, राजौरी, पुंछ, उधमपुर, डोडा, और किश्तवाड़ में पिछले काफी समय से शांति बनी हुई है। उन्होंने बताया कि पिछले 5 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में 720 आतंकवादियों को समाप्त किया गया है, और फिलहाल 120 से 130 आतंकवादी सक्रिय हैं।
उन्होंने आगे कहा, “जम्मू-कश्मीर में नए आतंकियों की भर्ती पूरी तरह से बंद हो चुकी है, और जल्द ही सक्रिय आतंकियों की संख्या एकल अंक में लाई जाएगी।” नई भर्ती के रुकने से आतंकवादियों के आकाओं में चिंता बढ़ गई है। उन्होंने यह भी बताया कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा को मजबूत किया गया है, और सुरक्षाबलों को नए हथियार और तकनीक से लैस किया जा रहा है, ताकि आतंकवादियों को जड़ से खत्म किया जा सके।
सभी सुरक्षा एजेंसियां आतंक के खिलाफ एक्टिव
लेफ्टिनेंट जनरल सुचेंद्र कुमार ने कहा, “भारत और चीन के बीच जो तनाव पहले बढ़ा था, उसमें अब कमी आई है। वर्तमान में दोनों सेनाएं अपनी सीमाओं की रक्षा शांतिपूर्ण तरीके से करने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली के लिए काम कर रही है, और इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस, अर्धसैनिक बल, सुरक्षा एजेंसियां और गांव रक्षा गार्ड भी आतंकवाद के खिलाफ सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं।
उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान और एंटी-इनफिल्ट्रेशन ग्रिड को मजबूत किया जा रहा है। हम अन्य सुरक्षा एजेंसियों और स्थानीय जनता के सहयोग से प्रदेश में शांति स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं।”
इसके अलावा, आतंकियों से निपटने के लिए 600 नए गांव रक्षा गार्डों को तैयार किया जा रहा है, जिन्हें प्रदेश में 10,000 सेल्फ लोडिंग राइफलों का वितरण किया जाएगा। भारतीय सेना कुछ प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर ऐसे हथियार विकसित कर रही है, जो जम्मू-कश्मीर में प्रभावी साबित हो सकें। गुलमर्ग में हाल ही में हुए आतंकी हमले पर, सुचेंद्र कुमार ने कहा कि ऐसे हमलों का सामना करने के लिए भारतीय सेना ने अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर रणनीति तैयार कर ली है।