अखिलेश यादव के सहयोगी और महान दल के नेता ने बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो, मायावती, के संबंध में एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सपा (समाजवादी पार्टी) के अध्यक्ष को भी सलाह दी है।
यूपी लोकसभा चुनाव 2024: हालिया चर्चाओं में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो मायावती को लेकर काफी चर्चा हो रही है. बसपा सांसद मलूक नागर ने सुझाव दिया है कि यदि उन्हें आगामी चुनावों में प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में चुना जाता है, तो बसपा भारतीय गठबंधन (भारत गठबंधन) में शामिल हो सकती है। उनके इस बयान के बाद समर्थक दल महान दल के नेता केशव देव मौर्य ने भी इस मांग का समर्थन किया है. मौर्य ने कहा कि मायावती एक कुशल नेता हैं और उनके प्रधानमंत्री बनने से देश का मान बढ़ेगा. उन्होंने सुझाव दिया कि यदि समाजवादी पार्टी (सपा) और बसपा इस विचार का समर्थन करती हैं, तो उन्हें एक साथ आना चाहिए। गौरतलब है कि सपा ने पहले बसपा को गठबंधन में लाने का विरोध किया था.
‘मायावती को पीएम उम्मीदवार बनाएं’
केशव मौर्य ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा करते हुए कहा, ‘सपाई और बसपाई दोनों मिलकर 2024 में I.N.D.I.A गठबंधन के बैनर तले “बहन मायावती जी” को देश का प्रधानमंत्री बनाओ! और.. 2027 में सपाई-बसपाई दोनों मिलकर “अखिलेश यादव जी” को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाओ.! बात अच्छी लगे तो आओ ‘हाथ’ मिलाओ.’
उन्होंने मायावती को टैग करते हुए एक और ट्वीट में कहा, ‘बहन मायावती जी असली धर्मनिरपेक्ष नेता हैं, जो सभी धर्मों का सभी वर्गों का सम्मान करती हैं, पाखंडवाद से अंधविश्वास से मुक्त हैं, कुशल प्रशासक हैं.! जब बहन जी मुख्यमंत्री थीं तो उनके डर से सारे अधिकारी हनुमान चालीसा पढ़ा करते थे ऐसी काबिल और दूरदर्शी नेता इस देश की प्रधानमंत्री बनें तो देश का विकास भी होगा और देश का सम्मान भी बढ़ेगा.! कांग्रेस से अपील है कि तत्काल बहन जी को I.N.D.I.A गठबंधन मे प्रधानमंत्री का चेहरा घोषित करें.!’
इंडिया गठबंधन शामिल होंगी मायावती!
वास्तविकता में, बसपा सांसद मलूक नागर ने कहा था कि इंडिया गठबंधन बसपा सुप्रीमो मायावती को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने से बीजेपी को जीत से रोका जा सकता है. उन्होंने बताया कि गठबंधन की जीत का सूत्र स्पष्ट है, जिसमें 2022 के चुनावों में एनडीए को 41 फ़ीसद वोट मिले थे, इंडिया ब्लॉक बनाने वाले दलों को 40 फ़ीसद और बसपा को 13 फ़ीसद वोट मिले थे. उन्हें यह मान्यता थी कि अगर मायावती इंडिया में प्रमुख हो जाती है, तो उसका वोट फ़ीसद 50 से ऊपर चला जाएगा।