राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार ने मॉब लिंचिंग पर टिप्पणी करते हुए कहा कि गायों के प्रति लोग संवेदनशील होते हैं, लेकिन इंसानों और गायों की लिंचिंग नहीं होनी चाहिए।
मॉब लिंचिंग पर आरएसएस: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार ने रविवार (8 सितंबर) को मॉब लिंचिंग पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि न तो किसी व्यक्ति की लिंचिंग होनी चाहिए और न ही गाय की। पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि आरएसएस अपने प्रमुख मोहन भागवत के जाति जनगणना के समर्थन में विचारों के साथ एकजुट है।
इंद्रेश कुमार ने आगे कहा, “मोहन भागवत ने जो कहा है, वह आरएसएस के सभी स्वयंसेवकों का विचार है। जाति एक वास्तविकता है, जिसे हम नकार नहीं सकते, लेकिन जातिवाद के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने पर ध्यान देना चाहिए। हम मानते हैं कि विभिन्न धर्मों की मौजूदगी है, लेकिन हमें धार्मिक कट्टरता और हिंसा से दूर रहना चाहिए। लोगों को सभी के प्रति सम्मान और सहानुभूति रखते हुए अपने रास्ते पर चलना चाहिए।”
उन्होंने विपक्ष के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश और दुनिया के कई हिस्सों में लोग मांस खाते हैं, लेकिन चूंकि लोग गायों के प्रति संवेदनशील हैं, हमें ऐसा माहौल बनाना चाहिए जिसमें गायों की लिंचिंग न हो और न ही किसी व्यक्ति की। उन्होंने भारत की विविधता का हवाला देते हुए कहा कि हिंदुस्तान अनेक जातियों, उपजातियों, भाषाओं, धर्मों और खानपान का देश है।
गणेश चतुर्थी पर शुरू किया कार्यक्रम
आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार, जो ‘पंचम धाम’ के संरक्षक भी हैं, ने गणेश चतुर्थी के मौके पर एक नया कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम अगले साल महा शिवरात्रि पर समाप्त होगा और इसका उद्देश्य एक ऐसा समाज बनाना है जो दंगों और जाति आधारित भेदभाव से मुक्त हो, और जिसमें गरीबों के प्रति करुणा हो।
कार्यक्रम की शुरुआत बिहार के शेखपुरा में सिंहेश्वर महादेव स्थान पर की गई है और इसमें भगवान शिव को समर्पित 108 मंदिर शामिल होंगे। इंद्रेश कुमार ने कहा कि इस कार्यक्रम का अंतिम चरण पटना में एक भव्य समारोह के रूप में आयोजित किया जाएगा, जो 12 फरवरी को संत रविदास जयंती के साथ शुरू होगा और 26 फरवरी को महा शिवरात्रि के अवसर पर समाप्त होगा।