ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच, अमेरिका ने छह बी-52 बॉम्बर को मिडल ईस्ट क्षेत्र में तैनात किया है। ये बॉम्बर न केवल पारंपरिक बमबारी हमलों में सक्षम हैं, बल्कि इनमें परमाणु हमले की क्षमता भी है।
ईरान-इज़राइल युद्ध: इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर, अमेरिका ने मिडल ईस्ट में छह B-52 बॉम्बर विमानों को तैनात किया है। इस बात की पुष्टि एयर एंड स्पेस फोर्सेस मैगजीन ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से की है। B-52 बॉम्बर न केवल पारंपरिक बमबारी में सक्षम हैं, बल्कि इनमें परमाणु हमले की क्षमता भी है।
कहा जा रहा है कि इजरायल पर हमले के बाद, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई बदला लेने के लिए ईरानी सेना को इजरायल पर फिर से बमबारी करने की तैयारी करने का आदेश दे सकते हैं। ऐसी स्थिति में आशंका जताई जा रही है कि अगर ईरान तीसरी बार इजरायल पर हमला करता है, तो अमेरिका ईरान के खिलाफ B-52 बॉम्बर विमानों से बमबारी कर सकता है।
अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने की घोषणा
यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने जानकारी दी है कि रविवार को मिडल ईस्ट में B-52 बॉम्बर विमानों का एक समूह भेजा गया है, हालांकि इन विमानों की सटीक संख्या की पुष्टि नहीं की गई है। एयर एंड स्पेस फोर्सेस मैगजीन के अनुसार, अमेरिका ने कुल छह B-52 बॉम्बर और F-15E स्ट्राइक ईंगल्स के एक अतिरिक्त स्क्वाड्रन को भेजा है, साथ ही इन विमानों के लिए अतिरिक्त हवाई ईंधन भरने वाले टैंकर भी तैनात किए गए हैं।
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि मिनोट एयर फोर्स बेस (उत्तर डकोटा) से ट्रांसफर किए गए बॉम्बर विमानों की तैनाती कहां की जाएगी। इसके अलावा, एक मालवाहक विमान को कतर के अल उदीद एयरबेस पर तैनात किया गया है, जो अमेरिकी एयरबेस का सबसे बड़ा है।
ईरान से बढ़ते संघर्ष और तनाव के बीच अमेरिका अपनी सैन्य क्षमताओं को मिडल ईस्ट में और मजबूत कर रहा है। पेंटागन ने यह भी घोषणा की कि अमेरिका ने मिडल ईस्ट में एक डिस्ट्रोयर, बॉम्बर और कई लड़ाकू विमानों को भेजा है, जबकि अमेरिकी विमानवाहक पोत अब्राहम लिंकन के नेतृत्व में एक कैरियर अटैक ग्रुप भी जाने की तैयारी में है।