उदयपुर में कांग्रेस की बैठक में स्थानीय पार्षद भी उपस्थित थे। उन्होंने बैठक में मौजूद वरिष्ठ नेताओं के सामने अपनी तकलीफों को शेयर करते हुए कठोर सवाल पूछे।
राजस्थान राजनीति: उदयपुर में लंबे समय बाद कांग्रेस द्वारा जिला देहात और शहर की संयुक्त बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिले के पदाधिकारी के साथ-साथ कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और प्रदेश सह प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौड़ भी मौजूद थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को मोबाइल निगम ऑपरेशन को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया। सीएम अशोक गहलोत की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए भी उन्होंने प्रोत्साहित किया। हालांकि, इसके बावजूद, शहर के पार्षदों ने अपने संयम को तोड़ दिया। जिला पदाधिकारियों और राष्ट्रीय सचिव के सामने अपनी पीड़ा को व्यक्त करते हुए, वे यह कह दिया कि वे किस तरीके से जनता के सामने वोट मांगने जाएंगे। इस पर राष्ट्रीय सचिव राठौड़ ने उन्हें समझाया।
3 साल हो गए कुछ नहीं दिया, कैसे मांगे वोट
पार्षदों ने यह कहा कि उन्हें उदयपुर नगर निगम में तीन साल हो गए हैं, लेकिन भाजपा के बोर्ड के चलते वे नेता प्रतिपक्ष तक चुनाव नहीं ला सके हैं। उन्होंने कहा कि उनका काम वार्डों में नहीं हो रहा है और कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद, कांग्रेस जनप्रतिनिधियों की अफसरों द्वारा उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। इतना ही नहीं, कई बार जब वे इस मुद्दे को उठाते हैं, तो अधिकारी मुकदमा दर्ज करने की धमकी देते हैं। इस पर सह प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया पर एक ग्रुप बनाने की सलाह दी गई है और उस ग्रुप में उन्हें जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि जब भी कोई समस्या होगी, वह उसे देखेंगे और उसका निराकरण करेंगे।
राजस्थान में टूटेगा हर बार का मिथक
पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिज व्यास ने कार्यक्रम में कहा कि इस बार राजस्थान में मिथक टूटेंगे जो कि एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस सरकार आती है। वह दावा कर रहे हैं कि वे इस मिथक को तोड़ेंगे और फिर से कांग्रेस सरकार को बनाएंगे। अन्य पदाधिकारी भी संबोधित होकर कह रहे हैं कि कांग्रेस सरकार ने राजस्थान की जनता को बहुत सारी सुविधाएं प्रदान की हैं और वे आगे भी इसी प्रकार सेवा करती रहेंगी। सीएम अशोक गहलोत ने माहौल बना रखा है और वह दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस सरकार दोहराएगी।