उदयपुर में महाराणा प्रताप खेल गांव जो जयपुर के बाद राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स होने जा रहा है। यहां एक ही स्थान पर 11 खेल के इमारतें स्थापित हो रही हैं। इसके साथ ही, एक इंडोर कॉम्प्लेक्स भी निर्माण किया जा रहा है।
उदयपुर खेल गांव: उदयपुर, झीलों की नगरी और पर्यटन स्थल, वर्षों से अपनी खूबसूरती और मार्बल से मशहूर है। इसे एक और पहचान मिली है। जयपुर के एसएमएस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के बाद राजस्थान में उदयपुर का खेल गांव दूसरे स्थान पर है। इसका कारण यहां की खेल सुविधाएं और ट्रेनर हैं। महाराणा प्रताप खेल गांव शहर के पास स्थित है, जहां एक ही कॉम्प्लेक्स में 11 खेल की सुविधाएं हैं और 4 और इमारतें बन रही हैं। यह खेल गांव हजारों खिलाड़ियों को लाभ पहुंचा रहा है। पूर्व जिला खेल अधिकारी और हॉकी सीनियर कोच शकील अहमद ने बताया कि महाराणा प्रताप खेल गांव के लिए वर्ष 2003 में 250 बीघा जमीन का आवंटन हुआ था। इस खेल गांव में सबसे पहले 50 मीटर का स्विमिंग पूल बनकर तैयार किया गया था।
खेल गांव के तैयार होने के बाद, खिलाड़ी यहां प्रशिक्षण लेकर अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेलकर आए और मेडल भी जीते। इसके पश्चात टेनिस, बास्केटबॉल, खो-खो, वॉलीबॉल मैदानों की तैयारी हुई। 2018 में शूटिंग रेंज, स्क्वैश, जूडो और बॉक्सिंग हॉल, हॉकी एस्ट्रो टर्फ मैदान भी शुरू हुए। महत्वपूर्ण बात यह है कि जुलाई में प्रदेश का सबसे बड़ा इंडोर मल्टी-स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स पूरा हो जाएगा, जहां 4800 लोगों को एक साथ बैठकर खेल देखने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, प्रदेश का पहला सरकारी हॉर्स पोलो और डबल ट्रैप शूटिंग में भी तैयारी हो रही है। इसके लिए, 26 हेक्टेयर का जमीन जिला कलेक्टर द्वारा आवंटित की गई है। काम तो यहां पहले से ही बहुत समय से चल रहा है, लेकिन पिछले दो सालों में बहुत प्रगति की गई है। इसके अलावा, टेनिस के सिंथेटिक कोर्ट और कई अन्य खेल भी मौजूद हैं।
उदयपुर के खेल क्षेत्र का साझा लाभ उन शहरी बच्चों को प्रदान कर रहा है जो जनजातीय क्षेत्रों में रहते हैं। उदयपुर संभाग टीएसपी क्षेत्र के बच्चों को सबसे अधिक लाभ पहुंच रहा है। इस क्षेत्र में दूर गांवों में रहने वाले लोग बसे हुए हैं, जहां पीने का पानी आसानी से उपलब्ध नहीं होता है, और वहां की स्थिति में खेल की विचारधारा नहीं होती है। इसलिए, उन छिपी हुई प्रतिभाओं को पहले नहीं पहचाना जाता था। लेकिन उदयपुर में खेल क्षेत्र का विकास हुआ है, जिसके फलस्वरूप कई बच्चे यहां आकर पढ़ाई के साथ-साथ खेल में भी अपनी प्रतिभा प्रदर्शित कर रहे हैं। इन बच्चों के लिए जनजातीय क्षेत्रीय विभाग ने आवास की सुविधा प्रदान की है, जहां वे आवास कर रहे हैं।