सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर की सियासी मुलाकातों से हलचल बढ़ा दी गई है। उन्होंने शुक्रवार को पहले सीएम योगी आदित्यनाथ और फिर डिप्टी केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात की है।
यूपी समाचार: उत्तर प्रदेश में सुभाषपा और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच बीते जुलाई महीने के दौरान गठबंधन का एलान किया गया था। तब सुभाषपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद गठबंधन की घोषणा की गई थी। तब ओम प्रकाश राजभर ने योगी सरकार में मंत्री बनने का दावा किया था। हालांकि, उस दावे के बाद भी 6 महीने बित चुके हैं, लेकिन अभी तक सुभाषपा प्रमुख यह दावा कर रहे हैं।
शुक्रवार को ओम प्रकाश राजभर ने पहले सीएम योगी आदित्यनाथ और फिर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात की, जिसके बाद सियासी गतिविधि में बढ़ोतरी हुई। इससे यह प्रश्न उठा है कि ओम प्रकाश राजभर कितना समय और सुभाषपा कब तक अपने मंत्री बनने का दावा करते रहेंगे। इन मुलाकातों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की गई हैं, जिससे सियासी चर्चाएं बढ़ रही हैं।
सोशल मीडिया के जरिए साझा की ये तस्वीरें
ओपी राजभर ने सीएम योगी से मुलाकात के बाद तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘आज 5 कालिदास मार्ग मुख्यमंत्री आवास पर उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय माननीय मुख्यमंत्री आदरणीय योगी आदित्यनाथ से शिष्टाचार मुलाक़ात कर भर/राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध किये जाने के लिए प्रस्ताव यथा शीघ्र भारत सरकार को भेजने के लिए मुलाक़ात की.’ उन्होंने आगे लिखा, ‘बंजारा जाति के लगभग 2500 आबादी वाले गाँव रणवीर नगर सैफ़ई तहसील सैफई जनपद इटावा के उपेक्षित बंजारा समाज की समस्या के संबंध में भी चर्चा हुई।’
उसके अलावा, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने राजभर से मुलाकात की तस्वीरें साझा की और लिखा, ‘कैम्प कार्यालय, लखनऊ पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर से आत्मीय भेंट कर विभिन्न विषयों पर वार्ता की।’ सूत्रों के मुताबिक, ओम प्रकाश राजभर ने लखनऊ में कई बड़े नेताओं से मुलाकात की हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य अपने समाज को अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध करने के लिए प्रस्ताव भेजना है।