कंगना रनौत ने हाल ही में एक इंटरव्यू में किसान आंदोलन पर विवादित बयान दिया, जिसके बाद बीजेपी ने एक चिट्ठी जारी कर कंगना को सख्त हिदायत दी है। बीजेपी ने इस चिट्ठी के माध्यम से कंगना को उनके बयान पर पुनर्विचार करने और भविष्य में ऐसे विवादित टिप्पणियों से बचने की सलाह दी है।
किसानों पर कंगना रनौत का बयान: हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान किसान आंदोलन पर विवादित बयान दिया। इस बयान के बाद विपक्ष ने बीजेपी पर तीखा हमला किया और कंगना के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है।
इस विवाद के बढ़ते असर को देखते हुए बीजेपी ने आधिकारिक बयान जारी किया है, जिसमें कंगना की टिप्पणी पर ऐतराज जताया गया है। पार्टी ने कहा है कि कंगना को निर्देशित किया गया है कि वे भविष्य में इस तरह के विवादित बयान न दें।
बीजेपी ने यह सख्त कदम इसलिए उठाया है क्योंकि पार्टी को पता है कि कंगना के बयान का असर चुनावी राज्य हरियाणा में हो सकता है।
भाजपा ने जारी की चिट्ठी
भाजपा की ओर से जारी चिट्ठी में स्पष्ट किया गया है कि कंगना रनौत द्वारा किसान आंदोलन के संदर्भ में दिया गया बयान पार्टी की आधिकारिक स्थिति नहीं है। पार्टी ने कहा है कि कंगना रनौत को पार्टी की नीतियों पर बयान देने की अनुमति नहीं है और वे इस तरह के बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं। चिट्ठी में कंगना को भविष्य में इस प्रकार के विवादित बयान से बचने का निर्देश भी दिया गया है।
किसान आंदोलन के कारण भाजपा को जाट वोटों में काफी नुकसान हुआ था, जिसका प्रभाव 2024 के लोकसभा चुनाव में देखा गया। हरियाणा में जाट समुदाय की आबादी 25 प्रतिशत है, और भाजपा को जाट वोटों की नाराजगी का खामियाजा भुगतना पड़ा। भाजपा को 27 प्रतिशत जाट वोट मिले, जबकि 23 प्रतिशत वोटों का नुकसान हुआ। इसके विपरीत, कांग्रेस को 64 प्रतिशत जाट वोट मिले, जिससे उन्हें 31 प्रतिशत का फायदा हुआ। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से 36 सीटों पर जाट वोट का प्रभाव माना जाता है।